लखनऊ। कांट्रेक्ट फार्मिंग पर सरकार और सत्तारुढ़ दल में गहरे मतभेद उभरे हैं। सरकार जहां कांट्रेक्ट फार्मिंग को प्रदेश में अनुमति देने पर विचार कर रही है, वहीं पार्टी ने इसे किसानों के लिए गैर जरुरी तथा हानिकारक बताया है। पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने खुले रुप में कांट्रेक्ट फार्मिंग का विरोध करते हुए इसे किसान विरोधी करार दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार ने राज्य में किसानों के हितकारी बताते हुए कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने की नीति पर चलने का फैसला किया है। इस नीति के अन्तर्गत सरकार का कृषि विभाग एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग कमोडिटी एक्ट (एपीएमसी) में बदलाव करने जा रही है। इस बात की पुष्टि प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन कर चुक े हैं। उनके अनुसार इस एक्ट में बदलाव से किसानों को अपनी उपज सीधे व्यापारियों तथा कंपनियों को बेचने की सुविधा होगी। किसानों को अपना उत्पाद मंंडी समितियों में मण्डी कर देकर बेचने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी।
लेकिन इस फैसले से समाजवादी पार्टी सहमत नहीं है। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह किसान विरोधी नीति है। उन्होंने कहा है कि कांट्रेक्ट फार्मिंग के पक्ष में नहीं है। यह नकारात्मक कदम होगा। श्री सिंह ने कहा कि किसानों के हालात सुधारने के लिए अगर सरकार को बदलाव करने ही हैं तो उसके दूसरे तरीके हो सकते हैं। उन्होंने कहा सपा किसानों की पार्टी है किसानों के हित चाहती है। कांट्रेक्ट फार्मिंग से किसानों के हाथों से खेती निकल जाएगी।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार ने राज्य में किसानों के हितकारी बताते हुए कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने की नीति पर चलने का फैसला किया है। इस नीति के अन्तर्गत सरकार का कृषि विभाग एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग कमोडिटी एक्ट (एपीएमसी) में बदलाव करने जा रही है। इस बात की पुष्टि प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन कर चुक े हैं। उनके अनुसार इस एक्ट में बदलाव से किसानों को अपनी उपज सीधे व्यापारियों तथा कंपनियों को बेचने की सुविधा होगी। किसानों को अपना उत्पाद मंंडी समितियों में मण्डी कर देकर बेचने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी।
लेकिन इस फैसले से समाजवादी पार्टी सहमत नहीं है। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह किसान विरोधी नीति है। उन्होंने कहा है कि कांट्रेक्ट फार्मिंग के पक्ष में नहीं है। यह नकारात्मक कदम होगा। श्री सिंह ने कहा कि किसानों के हालात सुधारने के लिए अगर सरकार को बदलाव करने ही हैं तो उसके दूसरे तरीके हो सकते हैं। उन्होंने कहा सपा किसानों की पार्टी है किसानों के हित चाहती है। कांट्रेक्ट फार्मिंग से किसानों के हाथों से खेती निकल जाएगी।
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