छह माह में सरकार नहीं चेती तो होगा आंदोलन: पीवी राजगोपाल
मुजफ्फरनगर। भूमि सुधार एवं अधिकार एजेंडा लागू कराने की मांग को लेकर जन सत्याग्रह आंदोलन चलाने वाले गांधीवादी नेता पीवी राजगोपाल ने कहा कि यदि सरकार ने छह माह के भीतर उनके साथ किये गये सहमति पत्र में शामिल मांगों को लागू नहीं किया तो उनका स्थगित आंदोलन आगरा से शुरू होगा।
पीडब्लूडी निरीक्षण भवन पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए पीवी राजगोपाल ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए उन्होंने जनसत्याग्रह आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन में उनके साथ देश विदेश के लाखों लोग जुड रहे हैं। राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को लागू कराने की मांग को लेकर उन्होंने दो अक्टूबर 2012 को ग्वालियर से जनसत्याग्रह यात्रा शुरू की थी। जिसमें लोग धीरे-धीरे जुड़ते गये। पचास हजार लोगों का काफिला दिल्ली की ओर बढ़ने लगा। इसी बीच केंद्र सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीण विकास पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री जयराम रमेश एवं केंद्रीय राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को वार्ता के लिए भेजा लेकिन वार्ता सफल नहीं हो पाई। पचास हजार लोगों का पैदल काफिला जब आगरा पहुंचा तो सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में तीन मंत्रियों को आगरा भेजा। मंत्रियो के साथ वार्ता हुई और सहमति बनी कि सरकार भूमि सुधार नीति, कृषि भूमि के वैधानिक अधिकार वंचित भूमिहीनों के लिए भूमि की उपलब्धता, फास्ट ट्रैक भूमि न्यायाधिकरण, पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम, वन तथा राजस्व सीमा विवाद, भूमि सुधार संबंधी कार्य आदि मांगों को लेकर तय किया गया कि आगामी छह माह में उनका क्रियान्वयन किया जायेगा इसके लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया जिसमें केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, पीवी राजगोपाल के अलावा पांच अन्य लोगों को शामिल किया गया था। टास्क फोर्स कमेटी की बैठक प्रतिमाह हो रही हैं।
पीवी राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने सरकार को स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि छह माह के भीतर उक्त बिंदुओं का निराकरण कर नीतियों का क्रियान्वयन नहीं किया तो आगरा में जिस स्थान से जनसत्याग्रह आंदोलन स्थगित किया गया है उसी स्थान से दोबारा जन सत्याग्रह आंदोलन शुरू कराया जायेगा। उन्होंने मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनसत्याग्रह आंदोलन को मीडिया का भरपूर समर्थन मिला है और वे उनके शुक्रगुजार हैं। इससे पूर्व पीवी राजगोपाल एवं उनके साथियों यतीश जैन, देवेंद्र कुमार, विनोद कुमार का वहलना मंदिर में प्रबंध समिति के महामंत्री राजकुमार जैन, नरेंद्र कुमार जैन, दिनेश जैन आदि ने स्वागत किया। प्रेसवार्ता से पूर्व पीवी राजगोपाल एवं उनके साथियों का पत्रकार अनुज शर्मा, रविंद्र चौधरी, लोकेश भारद्वाज, नीरज भार्गव, वशिष्ठ भारद्वाज, शरद गोयल, सपा नेता अब्दुल्ला राणा, रामपाल मांडी, डा. सीमा मलिक, अरविंद तोमर, विनोद वत्स, मास्टर विजय सिंह ने स्वागत किया। पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह के आवास पर गांधीवादी नेता पीवी राजगोपाल पहुंचे और उनसे विचार विमर्श किया। वहां पर सपा के पूर्व सांसद अमीर आलम, सपा नेता अब्दुल्ला राणा, दीपक ठाकुर मौजूद रहे। वीरेंद्र सिंह ने राजगोपाल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पीवी राजगोपाल गरीबों के लिए जल, जंगल और जमीन की जो लड़ाई लड़ रहे हैं उसे लड़ाई में वे उनके साथ हैं।
पीडब्लूडी निरीक्षण भवन पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए पीवी राजगोपाल ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए उन्होंने जनसत्याग्रह आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन में उनके साथ देश विदेश के लाखों लोग जुड रहे हैं। राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को लागू कराने की मांग को लेकर उन्होंने दो अक्टूबर 2012 को ग्वालियर से जनसत्याग्रह यात्रा शुरू की थी। जिसमें लोग धीरे-धीरे जुड़ते गये। पचास हजार लोगों का काफिला दिल्ली की ओर बढ़ने लगा। इसी बीच केंद्र सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीण विकास पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री जयराम रमेश एवं केंद्रीय राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को वार्ता के लिए भेजा लेकिन वार्ता सफल नहीं हो पाई। पचास हजार लोगों का पैदल काफिला जब आगरा पहुंचा तो सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में तीन मंत्रियों को आगरा भेजा। मंत्रियो के साथ वार्ता हुई और सहमति बनी कि सरकार भूमि सुधार नीति, कृषि भूमि के वैधानिक अधिकार वंचित भूमिहीनों के लिए भूमि की उपलब्धता, फास्ट ट्रैक भूमि न्यायाधिकरण, पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम, वन तथा राजस्व सीमा विवाद, भूमि सुधार संबंधी कार्य आदि मांगों को लेकर तय किया गया कि आगामी छह माह में उनका क्रियान्वयन किया जायेगा इसके लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया जिसमें केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, पीवी राजगोपाल के अलावा पांच अन्य लोगों को शामिल किया गया था। टास्क फोर्स कमेटी की बैठक प्रतिमाह हो रही हैं।
पीवी राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने सरकार को स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि छह माह के भीतर उक्त बिंदुओं का निराकरण कर नीतियों का क्रियान्वयन नहीं किया तो आगरा में जिस स्थान से जनसत्याग्रह आंदोलन स्थगित किया गया है उसी स्थान से दोबारा जन सत्याग्रह आंदोलन शुरू कराया जायेगा। उन्होंने मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनसत्याग्रह आंदोलन को मीडिया का भरपूर समर्थन मिला है और वे उनके शुक्रगुजार हैं। इससे पूर्व पीवी राजगोपाल एवं उनके साथियों यतीश जैन, देवेंद्र कुमार, विनोद कुमार का वहलना मंदिर में प्रबंध समिति के महामंत्री राजकुमार जैन, नरेंद्र कुमार जैन, दिनेश जैन आदि ने स्वागत किया। प्रेसवार्ता से पूर्व पीवी राजगोपाल एवं उनके साथियों का पत्रकार अनुज शर्मा, रविंद्र चौधरी, लोकेश भारद्वाज, नीरज भार्गव, वशिष्ठ भारद्वाज, शरद गोयल, सपा नेता अब्दुल्ला राणा, रामपाल मांडी, डा. सीमा मलिक, अरविंद तोमर, विनोद वत्स, मास्टर विजय सिंह ने स्वागत किया। पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह के आवास पर गांधीवादी नेता पीवी राजगोपाल पहुंचे और उनसे विचार विमर्श किया। वहां पर सपा के पूर्व सांसद अमीर आलम, सपा नेता अब्दुल्ला राणा, दीपक ठाकुर मौजूद रहे। वीरेंद्र सिंह ने राजगोपाल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पीवी राजगोपाल गरीबों के लिए जल, जंगल और जमीन की जो लड़ाई लड़ रहे हैं उसे लड़ाई में वे उनके साथ हैं।
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