जम्मू. पहली बार सिविल अफसरों को आतंकियों के खिलाफ लड़ाई की ट्रेनिंग दी जा रही है। सेना ने इस ट्रेनिंग का जिम्मा संभाला है। ताकि आतंकियों की जड़ों को पूरी तरह काटा जा सके। पहले बैच में सात आईएएस अधिकारियों समेत आठ अफसरों को विशेष कोर्स करवाया गया। ये सभी अफसर आतंकवादग्रस्त जिलों में तैनात हैं।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जब पूरी कामयाबी नहीं मिल पाई तो वजह जानने के लिए राज्य सरकार ने सर्वे करवाया। जिसमें पाया गया कि आतंकियों को राज्य के लोग अब भी मदद कर रहे हैं। खाने-पीने से लेकर उनके रहने तथा उनके हथियारों को पहुंचाने तक।
इस सर्वे के बाद सरकार ने एक प्लान बनाया। जिसमें फैसला लिया गया कि अंदर से आतंकियों की जड़ों को काटने का काम सिविल अफसर करेंगे। प्लान बनने के बाद सीएम ने सिविल अफसरों को आतंकवाद से निपटने में लगाया है।
इसके लिए सेना सिविल अफसरों को सिखा रही है कि कैसे गांव-गांव जाकर लोगों को आतंकवाद से तौबा करवानी है। उन्हें सरकार की तरफ से आर्थिक मदद देनी है। उनके दिमाग को कैसे बदलना है। उनकी सोच को कैसे बदलना है। इस कोर्स में सेना बाबूओं को सिखाएगी कि जिले के तमाम युवाओं को आतंकवाद से दूर कैसे रखना है। उनका दिमाग सरकारी नौकरियों, पढ़ाई या फिर खेलकूद में कैसे लगाना है।
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