इलाहाबाद/ हरिद्वार/ वाराणसी/ पटना: कार्तिक पूर्णिमा पर आज लाखों लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई. अभी भी ये सिलसिला जारी है. लोग सुबह से ही गंगा घाटों पर पहुंचकर श्रद्धा की डुबकी लगाते नजर आए. इसके साथ ही एक महीने तक चलने वाले कार्तिक स्नान महापर्व का समापन हो गया.
कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने इलाहाबाद संगम पर आस्था की डुबकी लगाई. इसके अलावा हरिद्वार में हर की पौड़ी, धर्मनगरी काशी में गंगा के दशाश्वमेध घाट और पटना के अलग-अलग घाटों पर गंगा स्नान किया.
सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता
गंगा स्नान को देखते हुए इलाहाबाद प्रशासन ने वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. लोगों की बड़ी तादाद में पहुंचने की वजह से पुलिस प्रशासन ने संगम थाना क्षेत्र में गश्त तेज कर दी है. हरिद्वार में भी उत्तराखंड पुलिस के जवान मुस्तैद हैं. यहां भी लोग बड़ी संख्या में हर की पौड़ी पहुंचकर गंगा स्नान कर रहे हैं. वाराणसी के अनेक घाटों पर पुलिस और स्वयंसेवी संस्थाओं ने कई तरह के इंतजाम किए हैं.
पटना में विशेष इंतजाम
पटना में छठ हादसे को देखते हुए प्रशासन ने वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. गंगा घाटों पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. गुरु पूर्णिमा पर वहां पटना साहिब में भी सिक्ख समुदाय के लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है. वहां गुरु नानक की 544वीं जयंती मनाई जा रही
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान जरूरी
इलाहाबाद के संगम में भगवान विष्णु के 12 अवतारों के विराजमान होने और त्रिवेणी के जल में खुद नारायण के वास होने की मान्यता के कारण कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां स्नान करने से भक्तों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने से पूरे माह स्नान का पुण्य फल मिलता है.
क्या है मान्यता ?
माना जाता है कि आज के दिन ही राजा बलि से भगवान विष्णु को मुक्ति मिली थी. वो स्वर्ग में पधारे थे. मान्यता के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र दिन गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन से शादी विवाह समेत सभी शुभ कामों की शुरूआत हो जाती है.
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