मुंबई. कसाब की करतूत पर जहां उसकी चाची को गर्व है, वहीं तालिबान के प्रवक्ता एहसानउल्ला एहसान ने समाचार एजेंसी 'रायटर' के जरिए धमकी दी है कि हमने अजमल कसाब की मौत (पढ़ें उसके अंतिम पलों का ब्यौरा) का बदला लेने के लिए भारतीयों को निशाना बनाने का फैसला किया है। तालिबान ने भारत से कसाब के शव की मांग करते हुए यह भी कहा कि अगर शव नहीं लौटाया गया तो वे भारतीयों को अगवा करेंगे और उनकी बॉडी नहीं लौटाएंगे।
बुधवार सुबह कसाब को बेहद गुपचुप तरीके से पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी। बकौल गृह मंत्री कसाब की फांसी इतनी गोपनीय थी कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तक को कसाब को फांसी दिए जाने के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन अब कसाब की फांसी को राज रखे जाने पर सवालभी उठ रहे हैं।
सत्र न्यायालय और बांबे हाई कोर्ट में कसाब का बचाव करने वाले वकील अमीन सोलकर, फरहाना शाह और अब्बास काजमी ने सवाल किया है कि कसाब को गुपचुप फांसी क्यों दी गई। कसाब को दी गई फांसी का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस केस को अंजाम तक पहुंचाकर समाज और मुंबई हमलों के पीड़ितों के साथ न्याय किया है। कसाब की सुरक्षा हम पर बोझ बनती जा रही थी लेकिन फांसी इतने गुपचुप तरीके से क्यों दी गई?'
फरहाना शाह ने कहा, 'मैं चकित हूं, सब कुछ अचानक हो गया। फांसी को इतना बड़ा राज क्यों रखा गया?' फरहाना शाह और सोलकर ने बांबे हाई कोर्ट में कसाब का पक्ष रखा था।
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