मुम्बई/मुजफ्फरनगर। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को बुधवार सुबह 7.30 बजे फांसी दे दी गई। बुधवार की सुबह 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले में मारे गए 166 लोगों के परिजनों के लिए काफी सूकून देने वाली रही होगी। जब देश नींद से जागा तो उसे अजमल आमिर कसाब को फांसी पर लटकाए जाने की खबर मिली। खबर मिलते ही हिन्दू संगठनों सहित देशवासियों में खुशी की लहर दौड पडी।
प्राप्त समाचार के अनुसार कसाब को फांसी दिये जाने के बाद करीब पौने नो बजे महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री आर.आर. पाटील मीडिया के सामने आए और आधिकारिक तौर पर कसाब को फांसी दिए जाने की घोषणा की।
मंगलवार को ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज किया था और इसके बाद ही कसाब को पुणे के यरवदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। दरअसल फांसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद यरवदा जेल में शिफ्ट किया गया था. 2009 से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था।
सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर यरवदा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक उसे सुबह 7.30 बजे फांसी दे दी गई।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अगस्त को कसाब की मौत की सजा की पुष्टि किए जाने के बाद उसके द्वारा राष्ट्रपति के यहां दायर की गई दया याचिका खारिज कर दी गई।
गौरतलब है कि मुम्बई की स्थानीय अदालत ने 6 मई 2010 को कसाब को मौत की सजा सुनाई थी जिसे बम्बई हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अगस्त को कसाब की याचिका खारिज करते हुए वर्ष 2008 के मुम्बई हमले के लिए उसकी मौत की सजा बरकरार रखी थी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर, 2008 को हुए मुम्बई हमले में कई विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि 16 अक्तूबर को कसाब की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई थी। 5 नवंबर को राष्ट्रपति ने उसे खारिज कर दिया था। 7 नवंबर को उन्होंने (गृह मंत्री ने) उन पर दस्तखत कर दिए। अगले दिन महाराष्ट्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई और उसी दिन तय हो गया था कि 21 तारीख को कसाब को फांसी होगी। इस फैसले पर एकदम गोपनीय तरीके से अमल कर लिया गया।
शिंदे ने बताया कि कसाब को फांसी की सूचना पाकिस्तान को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि भारतीय मिशन के जरिए पाकिस्तान को सूचना भेजी गई। पाकिस्तानी मिशन ने चिट्ठी स्वीकार नहीं की तो फैक्स से जानकारी भेजी गई।
पुलिस के सूत्र बताते हैं कि कसाब की बॉडी पाकिस्तान को नहीं सौंपी जाएगी और उसे गुपचुप तरीके से भारत में ही कहीं दफन किया जाएगा।
इस खबर से देशवासियों में खुशी की लहर देखी गयी है जबकि हिन्दू संगठनों व देशवासियों सहित जनपदवासियों का कहना है कि कसाब को फांसी दिये जाने की खबर से अन्य आतंकवादी भारत पर हमला किये जाने की सोचने से पहले सैंकडों बार सोंचेंगे।
प्राप्त समाचार के अनुसार कसाब को फांसी दिये जाने के बाद करीब पौने नो बजे महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री आर.आर. पाटील मीडिया के सामने आए और आधिकारिक तौर पर कसाब को फांसी दिए जाने की घोषणा की।
मंगलवार को ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज किया था और इसके बाद ही कसाब को पुणे के यरवदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। दरअसल फांसी देने का काम यरवदा जेल में किया जाता है और कसाब की माफी खारिज किए जाने के बाद यरवदा जेल में शिफ्ट किया गया था. 2009 से कसाब मुंबई के आर्थर जेल रोड में बंद था।
सरकार ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती और आर्थर रोड जेल से निकाल कर यरवदा जेल ले जाया गया और तय समय के मुताबिक उसे सुबह 7.30 बजे फांसी दे दी गई।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अगस्त को कसाब की मौत की सजा की पुष्टि किए जाने के बाद उसके द्वारा राष्ट्रपति के यहां दायर की गई दया याचिका खारिज कर दी गई।
गौरतलब है कि मुम्बई की स्थानीय अदालत ने 6 मई 2010 को कसाब को मौत की सजा सुनाई थी जिसे बम्बई हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी 29 अगस्त को कसाब की याचिका खारिज करते हुए वर्ष 2008 के मुम्बई हमले के लिए उसकी मौत की सजा बरकरार रखी थी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर, 2008 को हुए मुम्बई हमले में कई विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि 16 अक्तूबर को कसाब की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई थी। 5 नवंबर को राष्ट्रपति ने उसे खारिज कर दिया था। 7 नवंबर को उन्होंने (गृह मंत्री ने) उन पर दस्तखत कर दिए। अगले दिन महाराष्ट्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई और उसी दिन तय हो गया था कि 21 तारीख को कसाब को फांसी होगी। इस फैसले पर एकदम गोपनीय तरीके से अमल कर लिया गया।
शिंदे ने बताया कि कसाब को फांसी की सूचना पाकिस्तान को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि भारतीय मिशन के जरिए पाकिस्तान को सूचना भेजी गई। पाकिस्तानी मिशन ने चिट्ठी स्वीकार नहीं की तो फैक्स से जानकारी भेजी गई।
पुलिस के सूत्र बताते हैं कि कसाब की बॉडी पाकिस्तान को नहीं सौंपी जाएगी और उसे गुपचुप तरीके से भारत में ही कहीं दफन किया जाएगा।
इस खबर से देशवासियों में खुशी की लहर देखी गयी है जबकि हिन्दू संगठनों व देशवासियों सहित जनपदवासियों का कहना है कि कसाब को फांसी दिये जाने की खबर से अन्य आतंकवादी भारत पर हमला किये जाने की सोचने से पहले सैंकडों बार सोंचेंगे।
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