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Tuesday, November 27, 2012

स्टाम्प न मिलने पर स्टाम्प विक्रेताओं का धरना


स्टाम्प लेने के लिए ट्रेजरी में लगी लम्बी लाईन
ट्रेजरी में धरना प्रदर्शन करते स्टाम्प विक्रेता
मुजफ्फरनगर। जिला कोषाधिकारी के तुगलकी आदेश से खफा स्टाम्प विक्रेताओं ने जिला कोषाधिकारी का घेराव किया तथा ट्रेजरी में ही घंटों धरना दिया। स्टाम्व विक्रेता एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि ट्रेजरी में दस, बीस, पचास तथा सौ रूपये के स्टाम्प मौजूद हैं लेकिन कोषागार अधिकारियों की हठधर्मी के चलते स्टाम्प विक्रेताओं का शोषण किया जा रहा है और दस से सौ रूपये तक से स्टाम्प सीधे कोषागार से सीधे बेचे जा रहे हैं जिससे स्टाम्प विक्रेता व उनके परिवार भूखे मर रहे हैं। जिससे स्टाम्प विक्रेताओं के मौलिक अधिकारों का भी हनन है। स्टाम्प विक्रेताओं ने एडीएम वित्त एवं राजस्व आरके श्रीवास्तव से मिलकर बताया कि कोषागार अधिकारियों की हठधर्मी के चलते स्टाम्प विक्रेताओं का व्यापार चौपट हो गया है। उन्हें दस से लेकर सौ रूपये तक के स्टाम्प नहीं दिये जो रहे हैं और ट्रेजरी में नागरिकों की लम्बी लम्बी लाइनें लगवाकर उपभोक्ताओं को शोषण किया जा रहा है। उन्होंने एडीएम से मांग की है कि स्टाम्प विक्रेताओं को दस से सौ रूपये के स्टाम्प दिलवाये जायें जिससे वे अपना व्यापार कर सकें।
वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि स्टाम्प विक्रेता भी दस व बीस रूपये के स्टाम्पों पर भारी ब्लैक करते रहे हैं तथा दस व बीस रूपये के स्टाम्प पचास रूपये तक बेचे गये जिसके चलते डीएम सुरेन्द्र सिंह ने इनकी जमकर क्लास ली तथा इन्हें दस से लेकर सौ रूपये तक के स्टाम्पों पर ब्लैक करने से रोकने के आदेश दिये हैं।

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