सचिन धीमान
मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। सोने चांदी के दामों में आ रहे उतार चढाव ओर देश व प्रदेश के साथ साथ जनपद में बढते क्राइम को देखते हुए लोगों आर्टिफिशियल ज्वैलरी की खरीदार करनी शुरू कर दी है और आज असली सोने को पहने वाले कम नकली सोना यानीकि आर्टिफिशियल ज्वैलरी का रूझान महिलाओं के साथ साथ बच्चों व पुरूषों में अधिक देखने को मिल रहा है। जिस पर यह कहावत अछूती नहीं रहती। कि सोने से कम नहीं खू जा तो गम नहीं। बिल्कुल फिट बैठती है।
देश व प्रदेश सहित जनपद में बढते क्राइम ओर सोने चांदी के दिन प्रतिदिन बढते दामों के कारण आम जनता को सोने चांदी के आभूषण बनवाने आसमान छूने के बाराबर हो गये थे। जिसके कारण ज्वैलर ने अपने दिन प्रतिदिन इस बढते सोने चांदी के दामों को देख अपने घटते ग्राहकों को देखते हुए असली सोने की बराबर में असली सोने की क्वालिटी में ही मात्र सौ डेढ सौ रूपये में नकली सोने जैसे आभूषणों को बाजार में उतार दिया है। जिसके कारण आज नारी अपने सौंदर्य को सवारने व सजने में इस नकली सोने का ही उपयोग करने लगी है। आज जिसको देखो वही सोने से लदी नजर आती है जिस पर सोने से कम नहीं खो जा तो गम नहीं वाली कहावत लागू होती है। आज विवाह समारोह हो या फिर पार्टी महिलाएं को ही
मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। सोने चांदी के दामों में आ रहे उतार चढाव ओर देश व प्रदेश के साथ साथ जनपद में बढते क्राइम को देखते हुए लोगों आर्टिफिशियल ज्वैलरी की खरीदार करनी शुरू कर दी है और आज असली सोने को पहने वाले कम नकली सोना यानीकि आर्टिफिशियल ज्वैलरी का रूझान महिलाओं के साथ साथ बच्चों व पुरूषों में अधिक देखने को मिल रहा है। जिस पर यह कहावत अछूती नहीं रहती। कि सोने से कम नहीं खू जा तो गम नहीं। बिल्कुल फिट बैठती है।
देश व प्रदेश सहित जनपद में बढते क्राइम ओर सोने चांदी के दिन प्रतिदिन बढते दामों के कारण आम जनता को सोने चांदी के आभूषण बनवाने आसमान छूने के बाराबर हो गये थे। जिसके कारण ज्वैलर ने अपने दिन प्रतिदिन इस बढते सोने चांदी के दामों को देख अपने घटते ग्राहकों को देखते हुए असली सोने की बराबर में असली सोने की क्वालिटी में ही मात्र सौ डेढ सौ रूपये में नकली सोने जैसे आभूषणों को बाजार में उतार दिया है। जिसके कारण आज नारी अपने सौंदर्य को सवारने व सजने में इस नकली सोने का ही उपयोग करने लगी है। आज जिसको देखो वही सोने से लदी नजर आती है जिस पर सोने से कम नहीं खो जा तो गम नहीं वाली कहावत लागू होती है। आज विवाह समारोह हो या फिर पार्टी महिलाएं को ही
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