मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। दीपावली से दो दिन बाद ही भैयादूज लेकर जाने वालो के कारण निजी वाहनों के अलावा बसो, टेªनो व डग्गामार वाहनों में लोगों की लगातार भीड रही है। जिसके कारण लोगों को ट्रेनों के इंजन बसो व गाडियों की छतो पर बैठकर यात्रा कर अपनी बहनों के यहां दौज लेकर जाने पर मजबूर होना पडा। आलम तो यहां तक रहा कि लोगों को गाडियों के इंतजार में करीब दो-दो घंटों तक बस स्टैण्ड व रेलवे स्टेशनों पर खडे होकर इंतजार करना पडा हैं वहीं बहनों को भी इस बढी भीड के कारण भाईयों के देर से पहुंचने पर लम्बा इंतजार करना पडा।
भैयादूज का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बडे ही धूमधाम साथ के दीपावली से दूसरे दिन मनाया जाता हैं जिस पर बहन अपने भाईयों की लम्बी आयु के लिए तिलकर कर खिल पत्तासे व गोला लेकर कहानी सुन व्रत रखती है और बाद में अपने भाईयों को तिलक करने के बाद उसे खिचडी खिलाती है। जिसकोे लेकर भाईयांे में भी बडा उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन भाई भी अपनी बहनों के उपहार के रूप में उसके यहां विधिविधान के अनुसार कौथली के रूप में अपनी क्षमतानुसार जो कुछ भी बनता है उसे लेकर पहंुच जाता है और सभी भाई अपनी यह भी चाहते है कि वह जल्द से जल्द अपनी बहन के यहां पहुंच जाये जिससे उसकी बहन को उसके आने का ज्यादा इंतजार न करना पडे।
इसी कारण भैयादूज से करीब दो तीन दिन पहले से ही यात्रियों की भीड बढ जाती है जिसका कारण यह होता है कि यात्रियों को अधिकांश यात्री वाहनों की असुविधा होने यात्रियों के अचानक बढने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पडता है। जिसका स्पष्ट उदाहरण भैयादूज पर उस समय देखनों को मिला जब भाई अपने बहनों के यहंा कौथली के रूप में उपहार देने के लिए जा रहे थे तो यात्रियों को टेªनों की छतों के साथ साथ इंजन पर भी बैठकर जाने पर विवश होना पडा। यहीं नहीं बसों का भी यहीं हाल था यात्रियों को बसो के इंतजार में कई कई घंटों तक बस स्टैण्ड व सडकों के किनारे खडे होकर इंजतार करना पडा। वहीं अपने वाहनों से जाने वालों की संख्या भी कुछ कम नहीं थी जिसमें एक एक बाइक पर तीन-तीन चार चार बैठक कर जाने पर विवश हो रहे थे, वहीं सहारनपुर-मुजफ्फउरनगर मार्ग पर चल रही डग्गामार वाहनों की भी भैयादूज पर्व पर जमकर चांदी कटती ओर उन्होंने जल्दी जाने वाले यात्रियों से किराए से अधिक पैसे वसूल कर जमकर लूटपाट की और यदि किसी यात्री ने इसका विरोध किया तो उन्हें बीच रास्ते में ही उतारने की धमकी दे डाली।
भैयादूज का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बडे ही धूमधाम साथ के दीपावली से दूसरे दिन मनाया जाता हैं जिस पर बहन अपने भाईयों की लम्बी आयु के लिए तिलकर कर खिल पत्तासे व गोला लेकर कहानी सुन व्रत रखती है और बाद में अपने भाईयों को तिलक करने के बाद उसे खिचडी खिलाती है। जिसकोे लेकर भाईयांे में भी बडा उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन भाई भी अपनी बहनों के उपहार के रूप में उसके यहां विधिविधान के अनुसार कौथली के रूप में अपनी क्षमतानुसार जो कुछ भी बनता है उसे लेकर पहंुच जाता है और सभी भाई अपनी यह भी चाहते है कि वह जल्द से जल्द अपनी बहन के यहां पहुंच जाये जिससे उसकी बहन को उसके आने का ज्यादा इंतजार न करना पडे।
इसी कारण भैयादूज से करीब दो तीन दिन पहले से ही यात्रियों की भीड बढ जाती है जिसका कारण यह होता है कि यात्रियों को अधिकांश यात्री वाहनों की असुविधा होने यात्रियों के अचानक बढने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पडता है। जिसका स्पष्ट उदाहरण भैयादूज पर उस समय देखनों को मिला जब भाई अपने बहनों के यहंा कौथली के रूप में उपहार देने के लिए जा रहे थे तो यात्रियों को टेªनों की छतों के साथ साथ इंजन पर भी बैठकर जाने पर विवश होना पडा। यहीं नहीं बसों का भी यहीं हाल था यात्रियों को बसो के इंतजार में कई कई घंटों तक बस स्टैण्ड व सडकों के किनारे खडे होकर इंजतार करना पडा। वहीं अपने वाहनों से जाने वालों की संख्या भी कुछ कम नहीं थी जिसमें एक एक बाइक पर तीन-तीन चार चार बैठक कर जाने पर विवश हो रहे थे, वहीं सहारनपुर-मुजफ्फउरनगर मार्ग पर चल रही डग्गामार वाहनों की भी भैयादूज पर्व पर जमकर चांदी कटती ओर उन्होंने जल्दी जाने वाले यात्रियों से किराए से अधिक पैसे वसूल कर जमकर लूटपाट की और यदि किसी यात्री ने इसका विरोध किया तो उन्हें बीच रास्ते में ही उतारने की धमकी दे डाली।
No comments:
Post a Comment