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Saturday, November 17, 2012

मुफ्त साइकिल देने को सरकार के पास पैसा नहीं

 नई दिल्ली. वित्तीय संकट केंद्र सरकार की लोकलुभावन योजनाओं की राह में रोड़ा साबित हो रहा है। तंगी के चलते सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें साइकिल देने और परिवहन सुविधा मुहैया कराने के सुझावों को खारिज कर दिया है।
पिछले जून में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) के सामने महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने सुझाव दिया था कि कुछ राज्यों की तर्ज पर केंद्र सरकार को भी लड़कियों की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए मुफ्त में साइकिल देना चाहिए। इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद मानव संसाधन मंत्रालय ने हाल में केब बैठक में पेश की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा कि फंड की कमी से यह अभी संभव नहीं है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भी इस तरह का प्रस्ताव स्वीकार करने से मना कर दिया। मानव संसाधन मंत्रालय ने स्कूल और कॉलेजों तक लड़कियों की पहुंच आसान बनाने के लिए परिवहन सुविधाओं के विस्तार संबंधी सुझाव को भी फिलहाल स्वीकार नहीं किया। हालांकि महिला अध्यापकों के लिए कुछ खुशखबरी जरूर है। सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 2020 आवासीय क्वाटर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
राज्यों की ओर से यह मांग की गई थी कि दूर-दराज के इलाकों में महिला अध्यापकों के रहने के लिए आवासीय सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा ने यह मांग जोर-शोर से उठाई थी। हालांकि सरकार ने यह भरोसा दिया है कि वह सामाजिक एजेंडे के तहत पहले से तय योजनाओं पर फंड की कमी नहीं होने देगी। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायण सामी ने कहा कि सरकार अपने सोशल एजेंडे को हर हाल में पूरा करेगी।
ऐसी जगहों पर कटौती की जाएगी जिसका सीधा असर आम लोगों पर न पड़े। उधर वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने भरोसा दिया है कि वे वित्तीय संतुलन का पूरा ख्याल रखेंगे।
sabhar dainikbhaskar.com

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