मुंबई। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन के साथ ही मुंबई में तनाव की स्थिति बन गई है। महानगर के कई इलाकों में शिवसैनिक जबरन रेस्टारेंट, होटल व दुकानें बंद करवा रहे हैं। जबकि, कई जगहों पर लोगों ने खुद ही दुकानें बंद कर दी हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार, पूरे शहर में बीस हजार से अधिक पुलिसवालों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए लगा दिया गया है।
प्राप्त समाचार के अनुसार बाल ठाकरे का का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को निधन हो गया । मातोश्री के बाहर आकर डॉक्टरों ने बताया कि बाल ठाकरे का दोपहर साढ़े तीन बजे निधन हो गया। जिस वक्त बाल ठाकरे ने अंतिम सांस लीं, उस वक्त उनके बेटे जयदेव और उद्धव वहां मौजूद थे। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर होने के बावजूद ठाकरे को बचाया नहीं जा सका।शाम पांच बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ठाकरे की मौत के बाद से पूरे मुंबई में दुख की लहर दौड़ गई है। मुंबई के कई इलाकों में दुकानों को बंद कर दिया गया है। वहीं, मातोश्री के बाहर हजारों की तादाद में शिवसैनिक जुट गए हैं और बाल ठाकरे का अंतिम दर्शन करना चाहते हैं। इन्हें काबू में करने में पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस और भाजपा ने उनकी मौत पर दुख जताते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। बाल ठाकरे के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी दुख जताया है और भाजपा नेताओं के साथ आज रात के डिनर को कैंसिल कर दिया है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी ठाकरे के निधन पर दुख जताया है। भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा, 'मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि एक शेर नहीं रहा।' जबकि, शहनवाज हुसैन ने कहा कि ठाकरे का निधन महाराष्ट्र, देश और एनडीए के लिए झटका है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठाकरे के निधन पर कहा, 'मैं पिछले कुछ दिनों से बाला साहेब की दीर्घायु के लिए प्रार्थना कर रहा था। वह योद्धा की तरह जीवन की जंग लड़ रहे थे। आखिर में हम सब को निराश होना पड़ा। बाला साहब का जाना एक युग की विदाई है।' ठाकरे का अंतिम दर्शन करने के लिए मोदी कल मुंबई भी जाएंगे।
इससे पहले मातोश्री पर आज अचानक से हलचल बढ़ गई थी। अचानक से नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया था और पुलिस पहले से अधिक सक्रिय हो गई थी। मीडिया को भी निर्धारित स्थान से पीछे कर दिया गया था।
बाल ठाकरे की सेहत को लेकर डॉक्टरों की ओर से आज दोपहर तक मीडिया को कुछ नहीं बताया गया था, लेकिन पार्टी के नेता और अखबार 'दोपहर का सामना' के जरिए उनकी सेहत बेहतर बताई जा रही थी।
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