निजानन्द आश्रम की जमीन को सरकारी बताकर बुलडोजर चलाये जाने की बनायी जा रही गोपनीय योजना
निलम्बित कार्यवाहक प्रधानाचार्य मंजू सिसौदिया जबरदस्ती बैठ रही कार्यालय में
मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। निजानन्द आश्रम ट्रस्ट की जमीन को सरकारी भूमि बताकर उस पर बुलडोजर चलाये जाने की गोपनीय योजना बनायी जाने से क्षुब्ध आश्रम के ट्रस्टी व सैंकडों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए जिलाध्किारी को सौंपे गये प्रार्थना पत्र में आश्रम की जमीन का मौके का निरीक्षण किये जाने व निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की। जबकि वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते विद्यालय से निलम्बित कार्यवाहक प्रधानाचार्य मंजू सिसौदिया जबरदस्ती कार्यालय में बैठ रही है।
जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह को दिये गये प्रार्थना पत्र में निजानन्द आश्रम ट्रस्ट रतनुपुरी के सैंकडों ट्रस्टीज, श्रद्धालुगण व क्षेत्रावासियों ने बताया कि उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जनपद की तहसील खतौली क्षेत्र के गांव रतनपुरी में स्थित निजानन्द आश्रम ट्रस्ट की जमीन को सरकारी भूमि बताकर उस पर बुलडोजर चलाये जाने की गोपनीय योजना बनायी जा रही है जो एकपक्षीय है। उन्होंने बताया कि आश्रम द्वारा संचालित संस्थाओं का उद्देश्य क्षेत्रावासियों को शिक्षा देकर उस क्षेत्र को विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस आश्रम में सभी सदस्य देश के विभिन्न शहरों से आकर अपनी सेवाभाव से तथा ग्रामवासियों के सहयोग से इन संस्थाओं को चलाया जा रहा है। यह आश्रम 60 वर्ष पुराना है जो ग्रामसभा के प्रस्ताव 19 नवम्बर सन् 1972 द्वारा प्रस्तावित भूमि पर ही चल रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त शिक्षण संस्था में करीब 3 हजार छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जबकि उक्त क्षेत्र में करीब 10 किमी दूर-दूर तक कोई इंटर कालेज स्थित नहीं है। जबकि आश्रम को गांव रतनपुरी का एक परिवार जोकि आश्रम से रंजिशन रखता है। उन्होंने बताया कि इसी परिवार से सम्बंधित श्रीमति मंजू सिसौदिया को वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते विद्यालय से निलम्बित कर दिया गया था जोकि कार्यवाहक प्रधनाचार्य के पद पर कार्यरत थी और श्रीमति मंजू सिसौदिया धारा 420, 467, 468 व 471 में आरोपित होने के कारण वर्तमान में अस्थायी जमानत पर है। परंतु फिर भी मंजू सिसौदिया जबरदस्ती कार्यालय में आकर बैठती है। इसी कारण यह पूरा परिवार आश्रम व आश्रम द्वारा संचालित संस्थाआंे के विरूद्ध झूठी शिकायते कर रहा है और ये लोग श्री निजाजंद आश्रम रतनपुरी व द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं को बदनाम कराकर बंद कराना चाहता है। समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई श्री निजानन्द आश्रम पर बुलडोजर चलाये जाने की खबर से क्षेत्रवासियों व समस्त आश्रम के श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है। उन्होंनेे जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि आश्रम पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने से पूर्व निष्पक्ष जांच के साथ स्वयं मौके पर आकर निरीक्षण करें ताकि आश्रम व आश्रम की शिक्षण संस्था को बदनाम होने से बचाया जा सके और क्षेत्र की गरीब छात्र-छात्राएं शिक्षित होकर इस क्षेत्रा का नाम रोशन कर सके।
इस दौरान श्री निजानन्द आश्रम ट्रस्ट रतनुपुरी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रसवन्त, डा.वी.पी. सिंह सैनी ट्रस्टी लखनऊ, सुशील, सचिन अमृतसर, श्यामसुंदर अमृतसर, डा. चतरसैन, पिरथी रतनपुरी, मुनेश रतनपुरी, तरसपाल सिंह रतनपुरी, सतेन्द्र रतनपुरी, मुकेश रतनपुरी, मुनेश रतनपुरी, बिजेन्द्र सिंह रतनपुरी, नरेन्द्र ग्रोवर सहित सैंकडों ट्रस्टी एवं श्रद्धालुगण मौजूद थे।
जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह को दिये गये प्रार्थना पत्र में निजानन्द आश्रम ट्रस्ट रतनुपुरी के सैंकडों ट्रस्टीज, श्रद्धालुगण व क्षेत्रावासियों ने बताया कि उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जनपद की तहसील खतौली क्षेत्र के गांव रतनपुरी में स्थित निजानन्द आश्रम ट्रस्ट की जमीन को सरकारी भूमि बताकर उस पर बुलडोजर चलाये जाने की गोपनीय योजना बनायी जा रही है जो एकपक्षीय है। उन्होंने बताया कि आश्रम द्वारा संचालित संस्थाओं का उद्देश्य क्षेत्रावासियों को शिक्षा देकर उस क्षेत्र को विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस आश्रम में सभी सदस्य देश के विभिन्न शहरों से आकर अपनी सेवाभाव से तथा ग्रामवासियों के सहयोग से इन संस्थाओं को चलाया जा रहा है। यह आश्रम 60 वर्ष पुराना है जो ग्रामसभा के प्रस्ताव 19 नवम्बर सन् 1972 द्वारा प्रस्तावित भूमि पर ही चल रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त शिक्षण संस्था में करीब 3 हजार छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है। जबकि उक्त क्षेत्र में करीब 10 किमी दूर-दूर तक कोई इंटर कालेज स्थित नहीं है। जबकि आश्रम को गांव रतनपुरी का एक परिवार जोकि आश्रम से रंजिशन रखता है। उन्होंने बताया कि इसी परिवार से सम्बंधित श्रीमति मंजू सिसौदिया को वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते विद्यालय से निलम्बित कर दिया गया था जोकि कार्यवाहक प्रधनाचार्य के पद पर कार्यरत थी और श्रीमति मंजू सिसौदिया धारा 420, 467, 468 व 471 में आरोपित होने के कारण वर्तमान में अस्थायी जमानत पर है। परंतु फिर भी मंजू सिसौदिया जबरदस्ती कार्यालय में आकर बैठती है। इसी कारण यह पूरा परिवार आश्रम व आश्रम द्वारा संचालित संस्थाआंे के विरूद्ध झूठी शिकायते कर रहा है और ये लोग श्री निजाजंद आश्रम रतनपुरी व द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं को बदनाम कराकर बंद कराना चाहता है। समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई श्री निजानन्द आश्रम पर बुलडोजर चलाये जाने की खबर से क्षेत्रवासियों व समस्त आश्रम के श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है। उन्होंनेे जिलाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि आश्रम पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने से पूर्व निष्पक्ष जांच के साथ स्वयं मौके पर आकर निरीक्षण करें ताकि आश्रम व आश्रम की शिक्षण संस्था को बदनाम होने से बचाया जा सके और क्षेत्र की गरीब छात्र-छात्राएं शिक्षित होकर इस क्षेत्रा का नाम रोशन कर सके।
इस दौरान श्री निजानन्द आश्रम ट्रस्ट रतनुपुरी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रसवन्त, डा.वी.पी. सिंह सैनी ट्रस्टी लखनऊ, सुशील, सचिन अमृतसर, श्यामसुंदर अमृतसर, डा. चतरसैन, पिरथी रतनपुरी, मुनेश रतनपुरी, तरसपाल सिंह रतनपुरी, सतेन्द्र रतनपुरी, मुकेश रतनपुरी, मुनेश रतनपुरी, बिजेन्द्र सिंह रतनपुरी, नरेन्द्र ग्रोवर सहित सैंकडों ट्रस्टी एवं श्रद्धालुगण मौजूद थे।
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