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Sunday, October 7, 2012

अखिलेश के ख्‍वाब को एमसीआई ने दिया धक्‍का


लखनऊ. सीएम अखिलेश प्रदेश के अपने दौरों में भले ही नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात देने के दावे कर रहे हों लेकिन सच्‍चाई यह है कि अभी इन दावों को सफल होने में कई चुनौतियों से निपटना बाकी है। ताजा चुनौती मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने प्रदेश सरकार के सामने खड़ी कर दी है।
एमसीआई ने कई मेडिकल कॉलेजों के प्रस्‍तावों पर आपत्तियां लगाकर उन्‍हें प्रदेश सरकार को वापस लौटा दिया है। प्रस्‍ताव लौटने से शासन में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में शासन में कोई भी अफसर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों के अनुसार चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के अफसर अब नया फूलप्रूफ प्रस्‍ताव बनाने में जुट गए हैं।
प्रदेश में कन्‍नौज, सहारनपुर, जालौन और आजमगढ़ में नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाने हैं। इन मेडिकल कॉलेजों को स्‍पेशल कंपोनेंट प्‍लान के तहत बनाया गया था।
पिछली बसपा सरकार ने पहले इन सभी मेडिकल कॉलेजों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर चलाने का फैसला किया था पर जब जालौन, कन्‍नौज और सहारनपुर के मेडिकल कॉलेज चलाने में कंपनियों ने कोई रूचि ही नहीं दिखाई तो तत्‍कालीन सरकार ने इन तीनों कॉलेजों को खुद चलाने का फैसला किया।
वहीं बांदा और आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मॉडल पर ही चलाने का फैसला किया। अब सीएम अखिलेश यादव ने सभी कॉलेजों को नए सत्र से खुद चलाने का फैसला कर लिया है। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी भी मिल चुकी है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही एमसीआई से एप्रूवल के लिए प्रस्‍ताव भेजे गए थे। लेकिन एमसीआई ने जालौन मेडिकल कॉलेज के लिए धनराशि उपलब्धता को लेकर आपत्ति की है। पहले यह मेडिकल कॉलेज पीपीपी के आधार पर चलना था।
सरकार ने इसे चलाने का फैसला तो कर लिया पर एमसीआई को भेजी गई रिपोर्ट में सरकार ने यह शपथ पत्र ही नहीं दिया कि कॉलेज को चलाने के लिए बजट सरकार देगी। एमसीआई ने कहा है कि सरकार जालौन मेडिकल कॉलेज के लिए यह लिखकर दे कि यह सरकारी कॉलेज है और इसे चलाने का खर्च सरकार ही उठाएगी, तो ही मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिलेगी।
वहीं गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को गोरखपुर यूनिवर्सिटी से करीब 37 साल पहले वर्ष 1985 में संबद्धता दी गई। लेकिन सालों बीत गए पर इस संबद्धता का नवीनीकरण नहीं किया गया। हालात इतने खराब हुए कि एमसीआई ने शिक्षकों और टीचरों की कमी के कारण यहां की 100 सीटों को 50 कर दिया। अब एमसीआई ने साफ किया है कि संबद्धता के नवीनीकरण के बाद ही वह सीटें बढ़ाएगी।
ग्रेटर नोएडा के मेडिकल कॉलेज में जमीन को लेकर प्रोजैक्‍ट रिपोर्ट में स्‍पष्‍ट व्‍याख्‍या नहीं की गई है। इस कारण यह प्रस्‍ताव भी एमसीआई ने वापस कर दिया है। प्रदेश सरकार ने अपने प्रस्‍ताव में एमसीआई को बताया था कि कन्‍नौज में मेडिकल कॉलेज शुरू भी कर दिया गया है।
आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज की तैयारियां लगभग पूरी हैं। इसके अलावा सहारनपुर, जालौन मेडिकल कॉलेजों के साथ ग्रेटर नोएडा में नया मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए एक प्रस्‍ताव एमसीआई को भेजा गया।
इसमें पूरी डिटेल प्रोजैक्‍ट रिपोर्ट एमसीआई को भेजी गई थी। प्रस्‍तावों में कहा गया कि जालौन, सहारनपुर में बिल्डिंग और फैकल्‍टी की पोस्‍ट क्रिएट कर ली गई हैं। अब शिक्षकों की भर्ती की तैयारी की जा रही है। कॉलेजों के लिए उपकरणों की खरीद की जा चुकी है। 
sabhar dainikbhaskar.com

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