ग्लोबल विलेज (दुनिया एक गांव) के दौर में खरीद-फरोख्त के लिए दुनिया भर के बाजार घूमने की क्यों जरूरी हो। सो, जल्द ही देश भर के डाकघरों में आप दुनिया भर के सभी सामान खरीद पाएंगे और उनकी डिलीवरी भी आपको वहीं मिल पाएगी। आमदनी बढ़ाने के उपाय तलाश रहे डाक विभाग ने ऑन-लाइन ट्रेडिंग के बढ़ते चलन से कदमताल मिलाने और डाकघरों को एक मल्टी-ट्रेडिंग सेंटर बनाने का फैसला किया है। इस तरह कोई किसी भी सामान का ऑन-लाइन आर्डर किया जा सकेगा और उसकी डिलीवरी पड़ोस के डाकघर से हासिल की जा सकेगी। अगर आप चाहेंगे तो डाकिया सामान आपके घर पर पहुंचा जाएगा लेकिन इसके लिए आपको उस सामान के वजन के अनुरूप तय शुल्क अदा करना होगा।
केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार देश भर में 1.5 लाख डाकघरों का बेहतर उपयोग करना चाहती है और डाक विभाग को आय अर्जित करने वाला संस्थान बनाना चाहती है। इसके लिए डाकघरों को मल्टी ट्रेडिंग सेंटर में बदला जाएगा। उन्होंने कहा, 'डाकघरों को ऐसे केंद्र में बदला जाएगा जहां आपकी जरूरत का हर सामान मिलेगा। एक ऑनलाइन तंत्र बनाया जाएगा। इस पर कोई भी व्यक्ति कोई भी सामान आर्डर कर पाएगा। उसकी डिलीवरी व्यक्ति की इच्छा अनुरूप नजदीकी डाकघर या फिर घर पर की जाएगी। डिलीवरी के चार्ज वगैरह बाद में तय किए जाएंगे।' सिब्बल ने कहा कि न केवल शहरों में बल्कि गांवों में भी लोगों में खरीदारी का चलन बढ़ रहा है। वे बेहतर और गुणवत्ता वाला सामान खरीदना चाहते हैं। ऐसे में डाक विभाग का भरोसा उसमें जुड़ जाए तो लोगों के लिए खरीदारी आसान और विश्वसनीय हो जाएगी। सिब्बल ने कहा कि पूर्व में विभाग ने दीवाली पर सोने के सिक्कों की बिक्री शुरू की थी। इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए डाकघरों से सभी सामान की बिक्री का तंत्र बनाने पर विचार किया जा रहा है। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि इसके लिए विभिन्न कंपनियों से करार किए जाएंगे, ताकि उनके सामान डाकघरों के जरिए सस्ती दर पर बेचा जा सके।
केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार देश भर में 1.5 लाख डाकघरों का बेहतर उपयोग करना चाहती है और डाक विभाग को आय अर्जित करने वाला संस्थान बनाना चाहती है। इसके लिए डाकघरों को मल्टी ट्रेडिंग सेंटर में बदला जाएगा। उन्होंने कहा, 'डाकघरों को ऐसे केंद्र में बदला जाएगा जहां आपकी जरूरत का हर सामान मिलेगा। एक ऑनलाइन तंत्र बनाया जाएगा। इस पर कोई भी व्यक्ति कोई भी सामान आर्डर कर पाएगा। उसकी डिलीवरी व्यक्ति की इच्छा अनुरूप नजदीकी डाकघर या फिर घर पर की जाएगी। डिलीवरी के चार्ज वगैरह बाद में तय किए जाएंगे।' सिब्बल ने कहा कि न केवल शहरों में बल्कि गांवों में भी लोगों में खरीदारी का चलन बढ़ रहा है। वे बेहतर और गुणवत्ता वाला सामान खरीदना चाहते हैं। ऐसे में डाक विभाग का भरोसा उसमें जुड़ जाए तो लोगों के लिए खरीदारी आसान और विश्वसनीय हो जाएगी। सिब्बल ने कहा कि पूर्व में विभाग ने दीवाली पर सोने के सिक्कों की बिक्री शुरू की थी। इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए डाकघरों से सभी सामान की बिक्री का तंत्र बनाने पर विचार किया जा रहा है। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि इसके लिए विभिन्न कंपनियों से करार किए जाएंगे, ताकि उनके सामान डाकघरों के जरिए सस्ती दर पर बेचा जा सके।
डाक बैंक ऑफ इंडिया
सिब्बल ने कहा कि डाक विभाग अभी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। लेकिन लोगों को कर्ज देने में डाकघर असमर्थ है, क्योंकि यह अभी पूरी तरह बैंकिंग सेवा नहीं देता है। इसके लिए मार्च 2013 में पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया का प्रस्ताव कैबिनेट में प्रेषित किया जाएगा। इस कार्य के दूसरे चरण के तौर पर पहले से ही देश के सभी डाकघरों को कंप्यूटरीकृत करने का काम किया जा रहा है।
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