लखनऊ।बसपा सरकार का पूरा शासन काल घोटालों के नाम होता जा रहा है। एक के बाद एक घोटाले साबित करते हैं कि पिछली सरकार में जनता के लिए काम कम और घोटाले ज्यादा हुए थे। माया के सभी मंत्री कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार के मामलों से जुडते नज़र आ रहे हैं। ताज़ा मामला है लैकफेड घोटाले में पूर्व की बसपा सरकार में आ रहे 7 कद्दावर मंत्रियो के नाम को लेकर। यह वे मंत्री हैं जिनका बसपा सरकार में खासा दबदबा था,जिन पर जिम्मेदारी थी सरकार के सुचारू संचालन की, लेकिन अब माया के इन्हीं रत्नों पर भ्रष्टाचार के दाग लग रहे है ।
श्रम एवं निर्माण सहकारी महासंघ (लैकफेड) घोटाले की जांच में जुटी एसआईबी की टीम ने बसपा सरकार के सात मंत्रियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। अब पूर्व मंत्रियों को लैकफेड घोटाले की जांच कर रही एसआईबी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखना होगा। अगर पूर्व मंत्रियों ने इसकी अनदेखी की तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जायेगा। इसके लिए पुलिस को-ऑपरेटिव सेल ने उनके खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। इनसे बुधवार से एक-एक कर पूछताछ की जाएग़ी। इन सभी मंत्रियों ने अपने विभागों से लैकफेड को काम आवंटित कर लाखों-करोड़ों का भुगतान दिया था। मंत्रियों पर लैकफेड को काम देने के एवज में कमीशन लेने का आरोप है।
माया के यह वह अनमोल रत्न हैं, जिन पर पिछली सरकार को चलाने की जिम्मेदारी थी। पूर्व सरकार के रंगनाथ मिश्र, सदल प्रसाद, अवधपाल, अनीस अहमद उर्फ फूलबाबू, चन्द्रदेव राम, नन्द गोपाल उर्फ नंदी और चौधरी लक्ष्मी नारायण से पूछताछ के लिए एसआईबी ने नोटिस भेजा है। अब टीम द्बारा दी गई तारीख पर मंत्रियों को हाजिर होकर अपनी सफाई देनी होगी। सूत्रों के मुताबिक नोटिस जारी होने के बाद अगर पूर्व मंत्री तय समय पर एसआईबी की टीम के सामने नही आए तो फिर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो सकता है।
इसी घोटाले मे पहले से ही बसपा के पूर्व मंत्री बादशाह सिंह को १८ तारीख तक जेल भेज दिया गया है और मामले मे गिरफ्तार अभियन्ता अजय दोहरे की रिमांड अवधि समा’ होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। रिमांड अवधि के दौरान अजय ने एसआईबी को कई महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए पूर्व सरकार के कद्दावर मंत्री और सीनियर आईएएस की सपाि के बारे में भी समुचित जानकारी दी थी । पूर्व सरकार में श्रम मंत्री रहे बादशाह सिंह के बाद बीती सरकार के कई अन्य मंत्रियों से पूछताछ करने के लिए एसआईबी की टीम ने यह नोटिस जारी किया है ।
अजय ने रिमांड के दौरान एसआईबी अधिकारियों को बताया कि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की सम्पति का ब्यौरा दिया। उसके मुताबिक मंत्री और आईएएस ने घोटाले की रकम से करोर रुपए की सम्पति लखनऊ के साथ ही नोएडा व अन्य जिलों में अर्जित की है.. इसके साथ पंचायती राज में हुए घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे भी अजय ने इस दौरान किए। अजय ने पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा द्बारा 16 करोड़, सदल प्रसाद द्बारा 11 करोड़ और चौधरी लक्ष्मी नारायण द्बारा 31 करोड़ रुपए का हेरफेर किये जाने की बात भी एसआईबी को बताई है। इन जानकारियों के बाद अब घोटाले की जांच के दायरे में आए मंत्रियों पर शिकंजा कसना और भी आसान हो गया है। वहीं लैकफेड ने अजय दोहरे और संजय को निलबित करने के आदेश भी जारी हुए है।
भ्रष्टाचार के आरोप मे माया के इन मंत्रियो मे यह साथ नए नाम है इससे पहले पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, नस्सिमिदीन सिद्दीकी और रंगनाथ मिश्र, राकेश धर त्रिपाठी, अनंत मिश्र अंतु भी भ्रष्टाचार के आरोप में दागदार हो चुके हैं।
श्रम एवं निर्माण सहकारी महासंघ (लैकफेड) घोटाले की जांच में जुटी एसआईबी की टीम ने बसपा सरकार के सात मंत्रियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। अब पूर्व मंत्रियों को लैकफेड घोटाले की जांच कर रही एसआईबी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखना होगा। अगर पूर्व मंत्रियों ने इसकी अनदेखी की तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जायेगा। इसके लिए पुलिस को-ऑपरेटिव सेल ने उनके खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। इनसे बुधवार से एक-एक कर पूछताछ की जाएग़ी। इन सभी मंत्रियों ने अपने विभागों से लैकफेड को काम आवंटित कर लाखों-करोड़ों का भुगतान दिया था। मंत्रियों पर लैकफेड को काम देने के एवज में कमीशन लेने का आरोप है।
माया के यह वह अनमोल रत्न हैं, जिन पर पिछली सरकार को चलाने की जिम्मेदारी थी। पूर्व सरकार के रंगनाथ मिश्र, सदल प्रसाद, अवधपाल, अनीस अहमद उर्फ फूलबाबू, चन्द्रदेव राम, नन्द गोपाल उर्फ नंदी और चौधरी लक्ष्मी नारायण से पूछताछ के लिए एसआईबी ने नोटिस भेजा है। अब टीम द्बारा दी गई तारीख पर मंत्रियों को हाजिर होकर अपनी सफाई देनी होगी। सूत्रों के मुताबिक नोटिस जारी होने के बाद अगर पूर्व मंत्री तय समय पर एसआईबी की टीम के सामने नही आए तो फिर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो सकता है।
इसी घोटाले मे पहले से ही बसपा के पूर्व मंत्री बादशाह सिंह को १८ तारीख तक जेल भेज दिया गया है और मामले मे गिरफ्तार अभियन्ता अजय दोहरे की रिमांड अवधि समा’ होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। रिमांड अवधि के दौरान अजय ने एसआईबी को कई महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए पूर्व सरकार के कद्दावर मंत्री और सीनियर आईएएस की सपाि के बारे में भी समुचित जानकारी दी थी । पूर्व सरकार में श्रम मंत्री रहे बादशाह सिंह के बाद बीती सरकार के कई अन्य मंत्रियों से पूछताछ करने के लिए एसआईबी की टीम ने यह नोटिस जारी किया है ।
अजय ने रिमांड के दौरान एसआईबी अधिकारियों को बताया कि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की सम्पति का ब्यौरा दिया। उसके मुताबिक मंत्री और आईएएस ने घोटाले की रकम से करोर रुपए की सम्पति लखनऊ के साथ ही नोएडा व अन्य जिलों में अर्जित की है.. इसके साथ पंचायती राज में हुए घोटाले से जुड़े कई अहम खुलासे भी अजय ने इस दौरान किए। अजय ने पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा द्बारा 16 करोड़, सदल प्रसाद द्बारा 11 करोड़ और चौधरी लक्ष्मी नारायण द्बारा 31 करोड़ रुपए का हेरफेर किये जाने की बात भी एसआईबी को बताई है। इन जानकारियों के बाद अब घोटाले की जांच के दायरे में आए मंत्रियों पर शिकंजा कसना और भी आसान हो गया है। वहीं लैकफेड ने अजय दोहरे और संजय को निलबित करने के आदेश भी जारी हुए है।
भ्रष्टाचार के आरोप मे माया के इन मंत्रियो मे यह साथ नए नाम है इससे पहले पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, नस्सिमिदीन सिद्दीकी और रंगनाथ मिश्र, राकेश धर त्रिपाठी, अनंत मिश्र अंतु भी भ्रष्टाचार के आरोप में दागदार हो चुके हैं।
sabhar dainikbhaskar.com
No comments:
Post a Comment