दिल्ली (एसएनएन) : जैन समुदाय ने सरकार से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा मांगा है. जैन समुदाय को केवल कुछ ही राज्यों में अल्पसंख्यक वर्ग का दर्जा मिला हुआ है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 14 फरवरी, 2012 की बैठक में इस मामले को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला किया था. इसके बाद आयोग ने भी मंत्रालय को पत्र लिखा था और इस मामले में गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया था.
एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी कोई हल नहीं
कानून मंत्रालय ने पिछले वर्ष कहा था कि वो समुदाय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान करने के लिए एक फॉर्मूले पर काम कर रहा है. एक वर्ष से अधिक समय गुजरने के बाद अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मिल चुकी है मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मिल चुकी है मंजूरी
जैन समुदाय की इस मांग के लिए अभियान चलाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता दीक्षा मेहता ने कहा कि जैन समुदाय पिछले 20 वर्ष से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 के तहत समुदाय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग कर रहा है.
मेहता ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही 103वें संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत जैन समुदाय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान किया जा सकता है.
आध्यात्मिक गुरु संजय मुनि ने भी किया समर्थन
जैन समुदाय के आध्यात्मिक गुरु संजय मुनि ने कहा कि अगर अल्पसंख्यक दर्जा देना है, तब समग्रता से विचार करते हुए प्रदान करना चाहिए, ऐसी पात्रता जैन समुदाय रखता है.
आध्यात्मिक गुरु संजय मुनि ने भी किया समर्थन
जैन समुदाय के आध्यात्मिक गुरु संजय मुनि ने कहा कि अगर अल्पसंख्यक दर्जा देना है, तब समग्रता से विचार करते हुए प्रदान करना चाहिए, ऐसी पात्रता जैन समुदाय रखता है.
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