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Monday, December 24, 2012

अशिक्षा असुरक्षित गर्भपात का मुख्य कारण

मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। प्रदेश में अशिक्षा एवं जागरूकता के अभाव में असुरक्षित गर्भपात मातृ मृत्यु का बड़ा कारण है। सुरक्षित गर्भपात अधिनियम 1971 के अंतर्गत बीस सप्ताह तक के गर्भपात हेतु विनियमन किया गया है जहां मातृ मृत्यु के संबंध में अधिकतर जटिलताएं अकस्मात होती है तथा उनका पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता। वहीं असुरक्षित गर्भपात से होने वाली जटिलताओं एवं मृत्यु को रोका जा सकता है। सुरक्षित गर्भपात अध्निियम 1971 के अनुपालन में जनपद में सुरक्षित गर्भपात सेवायें प्रदान करने के लिए सीएमओ डा. वीके जौहरी की अध्यक्षता में एक जनपद स्तरीय कमैटी का गठन किया गया है। कमेटी की आख्या के आधार पर सुरक्षित गर्भपात सेवाओं तथा सुरक्षित गर्भपात सेवा प्रदाताओं को परिवार कल्याण विभाग द्वारा संस्तुति के पश्चात पंजीकृत किया जायेगा। सीएमओ डा. वीके जौहरी ने बताया कि महिलाओं के सुरक्षित गर्भपात कराने के उद्देश्य से सीएमओ की अध्यक्षता में जनपदीय स्तरीय कमेटी का गठन कर नामित किया गया है। कमेटी में महेंद्र सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी, डा. अमिता गर्ग, वरिष्ठ परामर्शदाता, स्त्री रोग विशेषज्ञ, जिला महिला चिकित्सालय एवं श्रीमति बीना शर्मा समाजसेविका है। उन्होंने बताया कि यह कमेटी गर्भपात सेवा केंद्रों का पंजीकरण हेतु उस चिकित्सालय का निरीक्षण कर अवलोकन करेगी कि वह स्थान सुरक्षित गर्भपात के लिए उपयुक्त है अथवा नहीं तथा सेवा केंद्र में आवश्यक सफाई, स्वच्छता, उपकरण, औजार एवं औषधियां उपलब्ध हैं। इसके साथ ही अन्य आधारों पर भी रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशक, परिवार कल्याण विभाग को प्रेषित की जायेगी। जहां से प्राप्त अनुमति होने के बाद ही वहसेवा केंद्र पंजीकृत किया जायेगा। उन्होंने जनपद की सभी महिलाओं से अपील कीकि वह अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा की दृष्टि से केवल ऐसे केंद्रों पर ही गर्भपात कराये जो पंजीकत हो तथा जहां प्रशिक्ष् िचिकित्सक के द्वारा गर्भपात किया जाता है।

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