मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। ग्रीन फील्ड मॉर्डन हाई स्कूल में काकोरी कांड के शहीदों पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लोहाड़ी और ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस और देशभक्ति का भावपूर्ण स्मरण किया गया। सभी छात्र छात्राओं, अध्यापकों ने यज्ञ मंे आहूति देकर श्रृद्धांजलि अर्पित की।
यज्ञ के ब्रह्म आचार्य गुरूदत्त आर्य ने गोष्ठी मंे कहा कि भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में काकोरी घटना ने फिरंगियों के पैर उखाड़ दिए थे। इन शहीदों ने देश की संस्कृति और स्वतन्त्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान किया। रामप्रसाद बिस्मिल पर माता के संस्कारों और महर्षि दयानन्द के सत्यार्थ प्रकाश के क्रान्तिकारी विचारों ने विशेष प्रभाव डाला। विद्यालयों और घरों में शहीदों और महान पुरूषों के चित्र लगने चाहिऐ। जिससे बच्चों पर उनकी जीवन गाथा के अच्छे संस्कार पड़ सके। प्रधानाचार्य तेजपाल सिंह ने कहा कि काकोरी काण्ड के वीरों ने देश की भलाई के लिए अंग्रेजो की यातनाऐं सही। 19 दिसम्बर 1927 को गोरखपुर जेल में भारत भूमि के सपूतों को पफांसी दी गई। उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि शहीदों के बलिदान को अपने राष्ट्रभक्ति,राष्ट्रप्रेम के द्वारा कार्य करें। इस दौरान सौहम्बर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, रीना राठी, सुषमा, रेखा सिंह, अंजु तोमर, नीलम बालियान आदि मौजूद रहे।
यज्ञ के ब्रह्म आचार्य गुरूदत्त आर्य ने गोष्ठी मंे कहा कि भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में काकोरी घटना ने फिरंगियों के पैर उखाड़ दिए थे। इन शहीदों ने देश की संस्कृति और स्वतन्त्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान किया। रामप्रसाद बिस्मिल पर माता के संस्कारों और महर्षि दयानन्द के सत्यार्थ प्रकाश के क्रान्तिकारी विचारों ने विशेष प्रभाव डाला। विद्यालयों और घरों में शहीदों और महान पुरूषों के चित्र लगने चाहिऐ। जिससे बच्चों पर उनकी जीवन गाथा के अच्छे संस्कार पड़ सके। प्रधानाचार्य तेजपाल सिंह ने कहा कि काकोरी काण्ड के वीरों ने देश की भलाई के लिए अंग्रेजो की यातनाऐं सही। 19 दिसम्बर 1927 को गोरखपुर जेल में भारत भूमि के सपूतों को पफांसी दी गई। उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि शहीदों के बलिदान को अपने राष्ट्रभक्ति,राष्ट्रप्रेम के द्वारा कार्य करें। इस दौरान सौहम्बर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, रीना राठी, सुषमा, रेखा सिंह, अंजु तोमर, नीलम बालियान आदि मौजूद रहे।
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