मुजफ्फरनगर। छह दरिंदो की दरिंदगी का शिकार हुई दामिनी की मौत ने हर भारतीय के दिल में एक चिंगारी छोड़ दी हैं। भारत सहित पूरा जनपद दामिनी के शोक के गम में डूबा हुआ है। ऐसे में क्या इस बार जनपद मुजफ्फरनगर में नया साल मनाया जाएगा, इसी सवाल का जवाब जानने के लिए आज पत्रकारों की एक टीम ने पूरे जनपद भर के दौरे पर निकली और लोगों से जगह जगह जाकर इस सवाल का जवाब मांगा तो लोगों के दिलों से यही आवाज निकलकर बाहर आयी कि छह दरिंदों की शिकार हुई दामिनी, आज हमारे बीच नहीं रहीं है तो ऐसे में नया साल मनाये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। जनपदवासियों का कहना है कि दामिनी की मौत व्यर्थ नहीं जाएगा, उसने वीरता से लड़ते हुए जान दी है। आज उसकी कुर्बानी रंग ला रही है। देश जाग रहा है और दामिनी के दर्द व मौत का बदला मांग रहा है। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि दामिनी की मृत्यु ने यह सबक दिया है कि अब बहुत हो चुका है, अब और नहीं सहा जाएगा। अब सरकार को कानून बदलने होंगे और ऐसे दरिंदों को कठोर से कठोर दंड देने होंगे। दामिनी सदा हमारे दिलों में रहेगी।
अब देखने वाला दृश्य यह होगा, कि जनपद मुजफ्फरनगर में कितने लोगों के दिलों में जिंदा है दामिनी, जो उनके गम में नया साल नहीं मनाएंगे।
अब देखने वाला दृश्य यह होगा, कि जनपद मुजफ्फरनगर में कितने लोगों के दिलों में जिंदा है दामिनी, जो उनके गम में नया साल नहीं मनाएंगे।
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