नई दिल्ली : वैसे तो साल 2012 काफी सियासी उठापटक भरा साल रहा. राजनीतिक गलियारों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस साल परेशान दिखी, लेकिन 2012 जाते-जाते कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ने चुनावी नतीजों में एक-एक की बराबरी कर ली.
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव इस मायने में खास थे, क्योंकि इसके नतीजे केवल सीएम पद तक सीमित नहीं थे, इससे पीएम पद का नाता भी जुड़ा हुआ है. ये देश की राजनीति को प्रभावित करनेवाला परिणाम है.
नरेंद्र मोदी की हैट्रिक
गुजरात में लगातार पांचवीं बार बीजेपी की सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी की ये लगातार तीसरी जीत है, जिसने राज्य में पार्टी के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. कुल 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में मोदी के नेतृत्व में लड़े गए इस चुनाव में पार्टी ने वर्ष 2007 में हासिल हुई 117 सीटों की तुलना में एक सीट के लाभ के साथ 118 सीटें हासिल कीं. विपक्षी कांग्रेस और उसके सहयोगियों को दो सीटों के नुकसान के बाद 60 सीटें मिली हैं. चार सीटें यहां अन्य उम्मीदवारों के पक्ष में गई हैं.
इस बार पहाड़ पर नहीं खिला कमल
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को झटका लगा और पिछली बार की तरह राज्य की जनता ने सत्ता परिवर्तन करते हुए कांग्रेस को राज्य की बागडोर थमा दी. कुल 68 सीटों में से कांग्रेस को 13 सीटों के फायदे के साथ 36 सीटें मिली, जबकि बीजेपी 15 सीटों के नुकसान के बाद 26 सीटों पर सिमट गई. छह सीटों पर अन्य उम्मीदवारों को जीत मिली है.
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को झटका लगा और पिछली बार की तरह राज्य की जनता ने सत्ता परिवर्तन करते हुए कांग्रेस को राज्य की बागडोर थमा दी. कुल 68 सीटों में से कांग्रेस को 13 सीटों के फायदे के साथ 36 सीटें मिली, जबकि बीजेपी 15 सीटों के नुकसान के बाद 26 सीटों पर सिमट गई. छह सीटों पर अन्य उम्मीदवारों को जीत मिली है.
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