मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। जमीयत उलेमा से जुडे पदाधिकारियों ने इस्लामिया डिग्री कालेज में पत्रकारांे से वार्ता करते हुए कहा कि सच्चर कमैटी व रंगनाथ कमीशन तथा वक्फ के लिए बनी संसद की जेपीसी की सिफारिशों जिसमें वक्फ की जायदादों पर अवैध कब्जा करने वालो को सख्त सजा का प्रावधान वक्फ बोर्ड के सीईओ को मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदान करने तथा वक्फ जायदादों को सरकारी जायदादों की तरह सुरक्षा प्रदान करने तथा उन्हे रेंट कंट्रोल एक्ट से बाहर करने की मांग की। मियां अजमल ने कहा कि नेशनल वक्फ प्रोपर्टी बोर्ड का गठन कर वक्फ जायदादों को मुस्लिमों की शिक्षा से जोड़ने तथा लीज में प्राथमिकता से जोड़ने का प्रावधान करने के साथ उनके संचालन हेतु वक्फ एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस का अलग से गठन कर उनके संचालन हेतु भर्ती जारी करने तथा वक्फ सर्वे के नोटिफिकेशन को मालिकाना हकूक के समकक्ष मान्यता देकर राजस्व अभिलेखों में दाखिल खारिज मान्य के प्राविधन शामिल करते हुए जल्द ही संसद में सैंट्रल वक्फ एक्ट पारित किया जाये। पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुस्लिम नेताओं ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के अधीन मल्टीसैक्ट्रोरियल डवलपमैंट प्लान स्कीम हेतु चलाई जा रही योजनाओं में मुस्लिमों की शिक्षाओं के लिए काम कर रहे संगठनों एवं एनजीओ को नोडल एजेंसी के रूप में जोडा जाये ताकि ये संगठन इन योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु मुस्लिमों में कार्य कर सके। मियां अजमल ने कहा कि साम्प्रदायिक गवर्नमंेट आर्डर 11 अगस्त 1950 में दलितों, शोषितों को आरक्षण से बाहर रखने के लिए जारी किया गया था। मौजूदा यूपीए सरकार इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रही है और सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में लम्बित रिट पैटिशन पर सरकारी जवाब दाखिल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव ने मुस्लिमों के साथ धोखा किया है। 18 प्रतिशत आरक्षण का वायदा करके सपा मुस्लमों का बेवकूफ बना रही है। मियां अजमल ने कहा कि मुस्लिम दलितों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है उन्हें हिंदू दलितों की तरह कोई अधिकार आज तक नहीं मिला। प्रेसवार्ता के बाद सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रमणि त्रिपाठी व सीओ सिटी संजीव वाजपेयी इस्लमिया डिग्री कालेज में जमीयत उलेमा के पदाािध्कारियों से केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्राी के रहमान खां व प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम सम्बोध्ति ज्ञापन लेने पहुंचे। प्रेसवार्ता में शाही इमाम मौलाना मौहम्मद जाकिर, जिला महासचिव मेहरबान अली, डा. मौलाना जमीलुद्दीन कासमी, हाफिज फुरकान असअदी, अनीस अहमद, हाजी फुरकान, ताहिर काजमी, कलीम त्यागी, इकरार अहमद आदि मौजूद रहे।
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