नई दिल्ली: अगर आप किसी को चेक दे रहे हैं, तो अब सावधान हो जाइए, क्योंकि अब चेक पर आपका गलत सिग्नेचर आपको जेल पहुंचा सकता है. अनजाने में हुई इस छोटी-सी भूल के लिए आप पर क्रिमिनल केस चल सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि किसी शख्स द्वारा जारी चेक यदि इस आधार पर खारिज हो जाता है कि उसके सिग्नेचर बैंक के पास उपलब्ध उसके दस्तखत से नहीं मिलते हैं, तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जा सकता है. जस्टिस टी. एस. ठाकुर और जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा की बेंच ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए ये आदेश दिया.
गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चेक के डिसऑनर होने के मामले में आपराधिक मामला तभी चलाया जा सकता है, जबकि चेक जारी करने वाले के खाते में उतना पैसा ना हो. साइन न मिलने के मामले में आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता.
अपने ताजा फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में बैंक द्वारा चेक लौटाने पर खाताधारक को नोटिस दिया जाना चाहिए और उसके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसे पैसे का इंतजाम करने का मौका दिया जाना चाहिए.
अपने ताजा फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में बैंक द्वारा चेक लौटाने पर खाताधारक को नोटिस दिया जाना चाहिए और उसके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसे पैसे का इंतजाम करने का मौका दिया जाना चाहिए.
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