मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देते हुए बताया कि आजादी के बाद समाज के दबे कुचले वर्ग के उत्थान के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गयी थी जो केवल दस वर्षो के लिए थी लेकिन आरक्षण की इस व्यवसथा का लाभ राजनीतिक दलों ने अपना हित साधने में किया। इसका कोई लाभ गरीब तबके को नहीं मिला। लाभ मात्र उन्हें मिला जो कहने को तो दलित जाति से थे लेकिन आर्थिक रूप से सम्पन्न थे। गरीब तबका आरक्षण की इस व्यवस्था का लाभ नहीं उठा पाया। आज स्थिति यह है कि सम्पन्न जातियां भी आरक्षण की मांग उठाने लगी है और राजनीतिक पार्टियां आपने वोट बैंक के आधार पर आरक्षण में से आरक्षण देकर समाज में आपस में खाई पैदा कर रही है। कोई पिछड़ों के नाम पर कोई दलितों के नाम तो कोई मुसलमानों के लिए आरक्षण की मांग कर देश में जातीय व सम्प्रदायिक तनाव पैदा कर रहे हैं। शिवसेना नेताओं ने कहा कि आरक्षण देश की शांति व सद्भाव के लिए खतरा बन चुका है। इस संदर्भ में शिवसेना कार्यकर्ताओंने ने ज्ञापन देकर देश में जाति व धार्मिक आधार पर आरक्षण को रद्द कर आर्थिक आधार पर गरीब व्यक्तियों को आरक्षण की व्यवस्था की जाये जिससे जरूरतमंदों लोगों को इसका लाभ मिल सके। ज्ञापन देने वाले शिवसैनिकों में मनोज सैनी, आनन्द प्रकाश गोयल, संजय चौधरी, अनुज चौधरी, पंकज भारद्वाज, देवेन्द्र चौहान, भुवन मिश्रा, लोकेश सैनी, सुभाष गोयल, महेश तायल, बालकिशन आदि मौजूद रहे।
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