यात्रियों को करना पडा भारी दिक्कतों का सामना, बैंक उपभोक्ता भी परेशान, एटीएम के सामने खडे रहे लाईन लगाकर
मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। देशभर में बैंककर्मी व रोडवेजकर्मी आज से दो दिन की ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल पर चले गये है। जिस कारण यात्रियों को दिनभारी दिक्कतों का सामना करते देखा गया है। यात्रियों को रोडवेज बस स्टैण्ड पर बसों के इंतजार में खडे दिखायी दिये। वहीं दूसरी ओर बैंकों की हडताल से आमजन सहित व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पडेगा। सुबह से ही उपभोक्ताओं को एटीएम के बाहर लाईन लगाकर एटीएम से पैसे निकाने को विवश है।
उल्लेखनीय है कि बैंक कर्मियों द्वारा पूर्व में ही दो दिवसीय हडताल का आहवान किया गया था। बैंक कर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अपनी पूर्व घोषित हडताल के अनुसार आज सेे दो दिवसीय हडताल पर चले गये। जबकि रोडवेजकर्मी भी देशभर सहित जनपद मुजफ्फरनगर में अपनी बसों को रोडवेज बस स्टैण्ड पर खडी कर महंगाई के विरोध में दो दिवसीय हडताल पर पहुंच गये। जिस कारण यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडा। यात्रियों को रोडवेज बस स्टैण्ड पर बसों के इंतजार करते देखा गया। रोडवेजकर्मियों की मांगे तो सरकार द्वारा रोडवेज बसों को मिलने वाले डीजल में सब्सिडी को खत्म कर दिया है जिस कारण रोडवेज बसों को जो डीजल दिया जा रहा है वह रोडवेज के सरकारी पम्पों से आम डीजल पम्पों की अपेक्षा 11 रूपये महंगा दिया जा रहा है। जबकि यदि रोडवेज बस चालक अपनी बसों किसी अन्य डीजल पम्प से डीजल भराते है तो उन्हें 11 रूपये डीजल सस्ता मिलता है। रोडवेज बस परिचालकों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा सब्सिडी खत्म कर दी जाती है और सरकार सब्सिडी वापिस नहीं लेती है तो रोडवेज बसों में वर्तमान में जिस स्थान का का 30 रूपये किराया बैठता है वहां का सरकारी डीजल पम्पों से डीजल बसों में भरवाकर 100 रूपये किराया यात्रियों से वसूलना पडेगा जो सीधे सीधे यात्रियों की जेब पर डांका होगा। रोडवेजकर्मी अपनी मांगे न माने जाने तक रोडवेज बसों को सडकों पर नहीं चलायेंगे और वह हडताल पर रहेंगें। वहीं दूसरी ओनई दिल्ली (एसएनएन) रू देश भर में आज से मजदूर संघ और ट्रेड यूनियन दो दिनों की हड़ताल पर हैं. सरकार और ट्रेड यूनियनों के बीच बातचीत बेनतीजा होने के बाद हड़ताल के फैसले को जारी रखा गया है.
देश के करीब ढाई करोड़ कर्मचारी अगले 48 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए हैैं। इससे बैंक से लेकर उद्योग धंधे तक ठप होने की आशंका हैै।
वहीं इस हड़ताल का असर आज सुबह से ही दिखना शुरू हो गया है।ैजहां एक तरफ पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त है, वहीं दो दिनों की इस हड़ताल से 20 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है। इस हड़ताल से देश की अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा।
सरकारी बैंकों के कर्मचारी भी हड़ताल में हैं। इस वजह से उन लोगों को भी परेशानी हो रही हैए जिन्हें पैसे की जरूरत है। हड़ताल के चलते एटीएम में पैसे मंगलवार को ही डाले गए थे। अब दो दिनों तक एटीएम में पैसे नहीं डाले जाएंगे। यही वजह है कि ज्यादातर एटीएम में या तो पैसे खत्म हो गए हैं या उनके बाहर लाइन लगनी शुरू हो गई है।
मुजफ्फरनगर में रोडवेज बसों के बंद होने के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए या तो डेगामार वाहनों में यात्रा करनी पडी या फिर स्टेशनों पर घंटों तक खडे होकर टेªनों के आने का इंतजार करना पडा।
बैंकों की हड़ताल से मुजफ्फरनगर में करोड़ रूपए का व्यवसाय प्रभावित होगा। बस स्टैण्ड के बंद रहने की वजह से यहां लोगों को काफी ज्यादा दिक्कीतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में सरकारी बैंक पूरी तरह से बंद हैं।
हडताल से सब्जियां भी होगी महंगी
मुजफ्फरनगर। महंगाई की चिंता सभी को है और श्रमिक संगठनों की हड़ताल से वस्तुओं की आपूर्ति गड़बड़ाने से महंगाई और बढ़ सकती है। देशव्यापी इस हड़ताल से बैंकिंग, बीमा और ट्रांसपोर्ट जैसे सेवा क्षेत्र पर ज्यादा असर पड़ा है. साथ ही औद्योगिक उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। यहां तक कि सब्जियों की आवाजाही प्रभावित होने से कृषि क्षेत्र पर भी असर होगा। फल और सब्जियां यदि तुरंत मंडी तक नहीं पहुंचती हैं, तो इनके खराब होने का जोखिम है। हडताल से अगर 30 से 40 फीसदी दैनिक कारोबार का नुकसान होता है। जिसका सीधा असर आम जनता पर ही पडता है।
उल्लेखनीय है कि बैंक कर्मियों द्वारा पूर्व में ही दो दिवसीय हडताल का आहवान किया गया था। बैंक कर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अपनी पूर्व घोषित हडताल के अनुसार आज सेे दो दिवसीय हडताल पर चले गये। जबकि रोडवेजकर्मी भी देशभर सहित जनपद मुजफ्फरनगर में अपनी बसों को रोडवेज बस स्टैण्ड पर खडी कर महंगाई के विरोध में दो दिवसीय हडताल पर पहुंच गये। जिस कारण यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडा। यात्रियों को रोडवेज बस स्टैण्ड पर बसों के इंतजार करते देखा गया। रोडवेजकर्मियों की मांगे तो सरकार द्वारा रोडवेज बसों को मिलने वाले डीजल में सब्सिडी को खत्म कर दिया है जिस कारण रोडवेज बसों को जो डीजल दिया जा रहा है वह रोडवेज के सरकारी पम्पों से आम डीजल पम्पों की अपेक्षा 11 रूपये महंगा दिया जा रहा है। जबकि यदि रोडवेज बस चालक अपनी बसों किसी अन्य डीजल पम्प से डीजल भराते है तो उन्हें 11 रूपये डीजल सस्ता मिलता है। रोडवेज बस परिचालकों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा सब्सिडी खत्म कर दी जाती है और सरकार सब्सिडी वापिस नहीं लेती है तो रोडवेज बसों में वर्तमान में जिस स्थान का का 30 रूपये किराया बैठता है वहां का सरकारी डीजल पम्पों से डीजल बसों में भरवाकर 100 रूपये किराया यात्रियों से वसूलना पडेगा जो सीधे सीधे यात्रियों की जेब पर डांका होगा। रोडवेजकर्मी अपनी मांगे न माने जाने तक रोडवेज बसों को सडकों पर नहीं चलायेंगे और वह हडताल पर रहेंगें। वहीं दूसरी ओनई दिल्ली (एसएनएन) रू देश भर में आज से मजदूर संघ और ट्रेड यूनियन दो दिनों की हड़ताल पर हैं. सरकार और ट्रेड यूनियनों के बीच बातचीत बेनतीजा होने के बाद हड़ताल के फैसले को जारी रखा गया है.
देश के करीब ढाई करोड़ कर्मचारी अगले 48 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए हैैं। इससे बैंक से लेकर उद्योग धंधे तक ठप होने की आशंका हैै।
वहीं इस हड़ताल का असर आज सुबह से ही दिखना शुरू हो गया है।ैजहां एक तरफ पहले से ही देश की अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त है, वहीं दो दिनों की इस हड़ताल से 20 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है। इस हड़ताल से देश की अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा।
सरकारी बैंकों के कर्मचारी भी हड़ताल में हैं। इस वजह से उन लोगों को भी परेशानी हो रही हैए जिन्हें पैसे की जरूरत है। हड़ताल के चलते एटीएम में पैसे मंगलवार को ही डाले गए थे। अब दो दिनों तक एटीएम में पैसे नहीं डाले जाएंगे। यही वजह है कि ज्यादातर एटीएम में या तो पैसे खत्म हो गए हैं या उनके बाहर लाइन लगनी शुरू हो गई है।
मुजफ्फरनगर में रोडवेज बसों के बंद होने के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए या तो डेगामार वाहनों में यात्रा करनी पडी या फिर स्टेशनों पर घंटों तक खडे होकर टेªनों के आने का इंतजार करना पडा।
बैंकों की हड़ताल से मुजफ्फरनगर में करोड़ रूपए का व्यवसाय प्रभावित होगा। बस स्टैण्ड के बंद रहने की वजह से यहां लोगों को काफी ज्यादा दिक्कीतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में सरकारी बैंक पूरी तरह से बंद हैं।
हडताल से सब्जियां भी होगी महंगी
मुजफ्फरनगर। महंगाई की चिंता सभी को है और श्रमिक संगठनों की हड़ताल से वस्तुओं की आपूर्ति गड़बड़ाने से महंगाई और बढ़ सकती है। देशव्यापी इस हड़ताल से बैंकिंग, बीमा और ट्रांसपोर्ट जैसे सेवा क्षेत्र पर ज्यादा असर पड़ा है. साथ ही औद्योगिक उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। यहां तक कि सब्जियों की आवाजाही प्रभावित होने से कृषि क्षेत्र पर भी असर होगा। फल और सब्जियां यदि तुरंत मंडी तक नहीं पहुंचती हैं, तो इनके खराब होने का जोखिम है। हडताल से अगर 30 से 40 फीसदी दैनिक कारोबार का नुकसान होता है। जिसका सीधा असर आम जनता पर ही पडता है।
No comments:
Post a Comment