इलाहाबाद: मौनी अमावस्या के दिन इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में अब तक 36 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस घटना से जहां यूपी सहित पूरा देश अचम्भित है तो वहीं ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इस भगदड़ से करीब 60 साल पहले महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना की याद ताजा हो गई. पिछले कुछ सालों में यूपी में होने वाले धार्मिक समागमों में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं :-
3 फरवरी, 1954
3 फरवरी, 1954 के कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर हुई भगदड़ में करीब 800 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी और 2000 लोग घायल हो गए थे. बताया जाता है कि 2 और 3 फरवरी के बीच रात को गंगा में अचानक बहुत पानी बढ़ गया. संगम किनारे साधु-संतों के आश्रम में पानी पहुंचने लगा. इस घटना से लोग घबड़ा गए. इससे अफरा-तफरी में भगदड़ मच गई.
23 सितंबर, 2012
उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित राधारानी मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच मची भगदड़ से तीन लोगों की मौत हो गई.
8 नवंबर, 2011
हरिद्वार के लालजीवाला इलाके में गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के जन्मशताब्दी समारोह यज्ञ के दौरान भगदड़ में 20 लोगों की मौत हो गई और 70 लोग घायल हो गए.
14 अप्रैल, 2010
हरिद्वार में कुंभ के मुख्य स्नान के मौके पर भगदड़ मची. उसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए.
4 मार्च, 2010
प्रतापगढ़ के मनगढ़ में बने कृपालु जी महाराज के आश्रम में भंडारे के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई.
22 जुलाई, 2009
वाराणसी के दशाश्वमेध और शीतला घाट पर भगदड़ मची, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और 13 लोग घायल हो गए.
1986
हरिद्वार में भगदड़ में 50 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
1984
हरिद्वार में हुई भगदड़ में 200 लोग मारे गए.
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