इस्लामाबाद : अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासिन मलिक ने रविवार को इस्लामाबाद में एक दिन की भूख हड़ताल रखी. यासिन मलिक जिस मंच पर भूख हड़ताल कर रहे थे उसी मंच पर मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद भी बैठा था.
एक मंच पर इन दोनों की मौजूदगी उनके बीच के रिश्ते और नजदीकियों को बयां करती है. खबर है कि मलिक ने वहां लोगों को संबोधित भी किया. यासिन मलिक ने अपने संबोधन में पाकिस्तान सरकार से पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह के बारे में जल्दबाजी में फैसला नहीं करने की गुजारिश की. यासीन मलिक ने अफजल गुरु का शव उसके परिवार वालों को देने के लिए ये भूख हड़ताल की थी.
जब इस बात की खबर हिन्दुस्तानी मीडिया में फैली तो सरकार के होश उड़ गए. सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अगर यासीन मलिक ने हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया है तो ये चिंता की बात है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को पहले पूरी तरह से देखेगी फिर उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. अगर मामले की छानबीन में इस बात की पुष्टि होती है तो सरकार यासिन मलिक के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर सकती है. यासिन मलिक का पासपोर्ट भी जब्त किया जा सकता है.
इस बीच, बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आतंकवादी किस बात का जश्न मना रहे थे, ये जानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया आतंकवाद और सुरक्षा पर अभी भी नही बदला है.
रक्षा विशेषज्ञ भरत वर्मा ने कहा है कि यासिन मलिक पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी ISI के साथ मिला हुआ है. उन्होंने इस घटना के लिए भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और पूछा है कि आखिरकार ऐसे नाजुक वक्त पर उसे पाकिस्तान जाने की इजाजत कैसे दी गई?
नेशनल कॉन्फ्रेन्स के महासचिव मुस्तफा कमाल ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि कश्मीर मुद्दे पर केन्द्र सरकार को तय करना है कि वो राज्य की मुख्यधारा की सियासी पार्टियों के साथ मिलकर मसले का समाधान करना चाहती है या फिर अलगाववादियों के हौसले बुलंदकर इसे उलझाना चाहती है.
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