कार ऋण 9 फीसदी ब्याज पर किसानों को मिलता है कृषि ऋण 16 फीसदी ब्याज परः वीके सिंह
नई दिल्ली (अलर्ट न्यूज)। रंगराजन रिपोर्ट के विरोध में किसानों के संसद घेराव कार्यक्रम में जंतर मंतर स्थित संसद मार्ग पर किसानों को सम्बोधित करते हुए भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष किसानों की दुर्दशा पर केन्द्र सरकार को आडे हाथे लिया।
जनरल वीके सिंह ने कहा कि धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान की दूर्दशा इतनी खराब है कि हर आधे घंटे में एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी किसान होने के बावजूद भी यदि किसानों की दुर्दशा है तो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हम जो भी प्रतिनिधि चुनते है उन प्रतिनिधियों ने कभी किसानों के बारे में नहीं सोचा है। चुनाव के समय पर प्रत्याशी धर्म समुदाय जात पात के नाम लोगों को पर बांट देता है तथा वोट लेकर चुनाव जीतता है। यदि किसान अपनी दुर्दशा से बाहर आना चाहता है तो संगठित होना होगा। जातपात को भी भूलना पडेगा। किसान देश का अनदाता है। उन्होंने किसान एकता के नारे लगाये। धरना स्थल पर उपस्थित हजारों किसानों ने करतल ध्वनि से उनकी बात का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सब्सिडी का लाभ भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। यह लाभ उद्योगपतियों की जेब में जाता है। उन्होंने किसानों की सबसे बडी समस्या कृषि ऋण पर बोलते हुए कहा कि आज देश का किसान ऋण के बोझ में दब रहा है। जहां देश में कार ऋण 9 फीसदी ब्याज पर मिलता है वहीं किसानों को 16 फीसदी ब्याज पर ऋण दिया जाता है।
जनरल वीके सिंह ने कहा कि धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान की दूर्दशा इतनी खराब है कि हर आधे घंटे में एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि 80 फीसदी किसान होने के बावजूद भी यदि किसानों की दुर्दशा है तो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हम जो भी प्रतिनिधि चुनते है उन प्रतिनिधियों ने कभी किसानों के बारे में नहीं सोचा है। चुनाव के समय पर प्रत्याशी धर्म समुदाय जात पात के नाम लोगों को पर बांट देता है तथा वोट लेकर चुनाव जीतता है। यदि किसान अपनी दुर्दशा से बाहर आना चाहता है तो संगठित होना होगा। जातपात को भी भूलना पडेगा। किसान देश का अनदाता है। उन्होंने किसान एकता के नारे लगाये। धरना स्थल पर उपस्थित हजारों किसानों ने करतल ध्वनि से उनकी बात का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सब्सिडी का लाभ भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। यह लाभ उद्योगपतियों की जेब में जाता है। उन्होंने किसानों की सबसे बडी समस्या कृषि ऋण पर बोलते हुए कहा कि आज देश का किसान ऋण के बोझ में दब रहा है। जहां देश में कार ऋण 9 फीसदी ब्याज पर मिलता है वहीं किसानों को 16 फीसदी ब्याज पर ऋण दिया जाता है।
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