मुजफ्फरनगर। किसान को बर्बाद करने वाली किसान विरोधी रंगाराजन रिपार्ट के विरोध में हजारों की संख्या में किसान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजन सरदार वीएम सिंह व पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह के तत्वाधान में आयोजित दिल्ली में जमकर विरोध प्रदर्शन कर संसद का घेराव करेंगे। इस दौरान जहां पूरे भारत से किसान हिस्सा लेंगे। वहीं दूसरी ओर जनपद से भी कई बसों में सवार होकर आगामी चार दिसम्बर को करीब पांच सौ किसान दिल्ली पहुंचंेगे।
आज जाट कालोनी स्थित विकास बालियान के आवास पर हुई बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि किसानों को किसी तरह से चार दिसम्बर को दिल्ली ले जाया जायेगा। इसके लिए मंसूरपुर शुगर चीनी मिल से श्यामपाल चेयरमैन, खतौली शुगर मिल से चौ. धर्मवीर राठी, मोरना शुगर मिल से चौ. यशपाल सिंह प्रधान रहमतपुर, तितावी शुगर मिल से राजेन्द्र सिंह कामरेड, बुढाना शुगर मिल से जितेन्द्र सिंह नौनागली, रोहाना चीनी मिल से बबलू छपार को जिम्मेदारी सौंपी गयी।
वक्ताओं ने बताया कि रंगाराजन कमेटी गन्ना किसानों को बर्बाद करने के लिए और चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गयी है। इस समिति का गठन 20 जनवरी 2012 को किया गया जिसमें 5 अक्टूबर 2012 को कागजी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। इस समिति में किसानों का प्रतिनिधित्व शून्य रहा। इस रिपोर्ट के लागू होने के बाद चीनी मिले कोल्हू की तरह हो जायेंगी। जिन पर प्रदेश सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं रहेगा। चीनी के दामों में बेताहाश वृद्धि होगी। राज्य सरकार को गन्ना मूल्य निर्धारण करने का अधिकार समाप्त करा दिया जायेगा। किसान को केन्द्र द्वारा तय किया गया मूल्य मिलेगा जो इस वर्ष 170 रूपये प्रति कुन्तल है।
रंगाराजन कमेटी की रिपोर्ट में और भी कई विसंगतियां है।
कुछ किसान संगठन इस रंगाराजन रिपोर्ट का समर्थन भी कर रहे है। ये लोग किसान विरोधी है। इन लोगों का शुरू से ही यही अभिपार्य रहा है कि किसान जितना दुखी ओर परेशान रहेगा उतना ही इन संगठनों को लाभ रहेगा। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का मानना है कि किसान अपने पैरों पर खडा हो जाये। उसका कोई उत्पीडन न करें। जिस दिन किसान को किसी भी संगठन और यूनियन की आवश्यता नहीं रहेगी उसी दिन किसान खुशहाल होगा।
चीनी मिल मालिकों ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर किसानों को बर्बाद करने की रंगाराजन रिपोर्ट तैयार कराकर लागू कराने में जुटे है जिससे उत्तर प्रदेश के किसान बर्बाद हो जायेंगे तथा सडकों पर आ जायेंगे। रंगाराजन रिपोर्ट के लागू होते ही चीनी मिले किसानों की गन्ने की फसलों को कम रेट पर खरीदें और किसान चाहकर भी अपनी गन्ना फसल का उचित रेट नहीं ले पायेगा।
आज की बैठक का संचालन जितेन्द्र सिंह कुश्ती कोच और अध्यक्षता चौ. धर्मवीर राठी ने की। बैठक में चौ. तेजराम राठी, सतेन्द्र राठी, सुमित रहमतपुर, संदीप भोपा, धन सिंह भोपा, परवेन्द्र कुटबा, जितेन्द्र नौनांगली, संजय सिंह दूधाधारी खेडी, विराज तोमर, मनोज कुमार लाला, अंकित सिंह, अंकुर चौधरी, बिजेन्द्र सिंह, जावेद कसेरवा, कलीम अहमद त्यागी, जितेन्द्र राठी, परमिन्दर राठी, दिलावर चौधरी, विनोद चौधरी, वीरभान सिंह, नन्दकिशोर बरवाला, इमरान बरवाला आदि शामिल रहे।
तत्पश्चात विकास बालियान आदि मोरना, मंसूरपुर, खतौली, बुढाना, रोहाना आदि मिलों की ओर चार दिसम्बर को जतंर मंतर पर एक विशाल सभा का आयोजन होगा तत्पश्चात संसद का घेराव किया जायेगा। उम्मीद की जा रही है कि जंतर मंतर आयोजित सभा में कई पूर्व मुख्यमंत्री, विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि व सामाजिक संगठन से जुडे लोग भी भाग लेंगे।
आज जाट कालोनी स्थित विकास बालियान के आवास पर हुई बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि किसानों को किसी तरह से चार दिसम्बर को दिल्ली ले जाया जायेगा। इसके लिए मंसूरपुर शुगर चीनी मिल से श्यामपाल चेयरमैन, खतौली शुगर मिल से चौ. धर्मवीर राठी, मोरना शुगर मिल से चौ. यशपाल सिंह प्रधान रहमतपुर, तितावी शुगर मिल से राजेन्द्र सिंह कामरेड, बुढाना शुगर मिल से जितेन्द्र सिंह नौनागली, रोहाना चीनी मिल से बबलू छपार को जिम्मेदारी सौंपी गयी।
वक्ताओं ने बताया कि रंगाराजन कमेटी गन्ना किसानों को बर्बाद करने के लिए और चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गयी है। इस समिति का गठन 20 जनवरी 2012 को किया गया जिसमें 5 अक्टूबर 2012 को कागजी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। इस समिति में किसानों का प्रतिनिधित्व शून्य रहा। इस रिपोर्ट के लागू होने के बाद चीनी मिले कोल्हू की तरह हो जायेंगी। जिन पर प्रदेश सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं रहेगा। चीनी के दामों में बेताहाश वृद्धि होगी। राज्य सरकार को गन्ना मूल्य निर्धारण करने का अधिकार समाप्त करा दिया जायेगा। किसान को केन्द्र द्वारा तय किया गया मूल्य मिलेगा जो इस वर्ष 170 रूपये प्रति कुन्तल है।
रंगाराजन कमेटी की रिपोर्ट में और भी कई विसंगतियां है।
कुछ किसान संगठन इस रंगाराजन रिपोर्ट का समर्थन भी कर रहे है। ये लोग किसान विरोधी है। इन लोगों का शुरू से ही यही अभिपार्य रहा है कि किसान जितना दुखी ओर परेशान रहेगा उतना ही इन संगठनों को लाभ रहेगा। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का मानना है कि किसान अपने पैरों पर खडा हो जाये। उसका कोई उत्पीडन न करें। जिस दिन किसान को किसी भी संगठन और यूनियन की आवश्यता नहीं रहेगी उसी दिन किसान खुशहाल होगा।
चीनी मिल मालिकों ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर किसानों को बर्बाद करने की रंगाराजन रिपोर्ट तैयार कराकर लागू कराने में जुटे है जिससे उत्तर प्रदेश के किसान बर्बाद हो जायेंगे तथा सडकों पर आ जायेंगे। रंगाराजन रिपोर्ट के लागू होते ही चीनी मिले किसानों की गन्ने की फसलों को कम रेट पर खरीदें और किसान चाहकर भी अपनी गन्ना फसल का उचित रेट नहीं ले पायेगा।
आज की बैठक का संचालन जितेन्द्र सिंह कुश्ती कोच और अध्यक्षता चौ. धर्मवीर राठी ने की। बैठक में चौ. तेजराम राठी, सतेन्द्र राठी, सुमित रहमतपुर, संदीप भोपा, धन सिंह भोपा, परवेन्द्र कुटबा, जितेन्द्र नौनांगली, संजय सिंह दूधाधारी खेडी, विराज तोमर, मनोज कुमार लाला, अंकित सिंह, अंकुर चौधरी, बिजेन्द्र सिंह, जावेद कसेरवा, कलीम अहमद त्यागी, जितेन्द्र राठी, परमिन्दर राठी, दिलावर चौधरी, विनोद चौधरी, वीरभान सिंह, नन्दकिशोर बरवाला, इमरान बरवाला आदि शामिल रहे।
तत्पश्चात विकास बालियान आदि मोरना, मंसूरपुर, खतौली, बुढाना, रोहाना आदि मिलों की ओर चार दिसम्बर को जतंर मंतर पर एक विशाल सभा का आयोजन होगा तत्पश्चात संसद का घेराव किया जायेगा। उम्मीद की जा रही है कि जंतर मंतर आयोजित सभा में कई पूर्व मुख्यमंत्री, विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि व सामाजिक संगठन से जुडे लोग भी भाग लेंगे।
No comments:
Post a Comment