मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज) जिला व पालिका प्रशासन और पालिका प्रशासन पॉलीथीन पर प्रतिबंध को लेकर एक बार फिर से सजग और सख्त हो गया है। इस सम्बन्ध में शहर में पॉलीथीन का थोक और रिटेल कारोबार करने वाले व्यापारियों की नगरपालिका परिषद के सभागार में बैठक लेने के साथ ही उनको चेतावनी दी गई कि सात दिनों के भीतर चालीस माइक्रोन से कम मानक की पॉलीथीन का कारोबार बंद कर दिया जाये। आठ दिसम्बर से नगर में संयुक्त रूप से छापामार अभियान छेड़ा जायेगा। इस अभियान के तहत कहीं भी यदि कोई प्रतिबंधित पॉलीथीन बेचता, खरीदता या प्रयोग करता पाया गया तो उसके खिलाफ जुर्माना तय करने के साथ ही कानूनी कार्यवाही करायी जायेगी।
नगरपालिका परिषद सभागार में एडीएम प्रशासन मनोज सिंह और पालिका अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने नगरीय क्षेत्र में पॉलीथीन का कारोबार करने वाले थोक और रिटेल कारोबारियों तथा दुकानदारों के साथ मीटिंग ली और पालीथीन पर प्रतिबंध को लेकर किये गये निर्णयों से अवगत कराया। इस बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिला प्रदूषण अधिकारी आरके सिंह और अन्य लोग भी उपस्थित रहे। एडीएम मनोज सिंह ने बैठक के दौरान बताया कि जनपद में 40 माइक्रोन से कम मानक की पॉलीथीन के साथ ही थर्माकोल एवं प्लास्टिक के बने प्लेट, कप और गिलास आदि सामग्री की बिक्री और प्रयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन इसके बावजूद भी देखने में आ रहा है कि इनका कारोबार और प्रयोग लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि पॉलीथीन का कारोबार करने वाले लोगों को सात दिसम्बर तक का समय दिया जा रहा है। इस अवधि में वे अपना स्टॉक खत्म कर लें इसके बाद संयुक्त टीमों के द्वारा नगर में आठ दिसम्बर से छापामार अभियान शुरू किया जायेगा।
इस अभियान में दौरान यदि किसी दुकान पर प्रतिबंधित पॉलीथीन या सामग्री की बिक्री पाई गई तो सम्बन्धित व्यापारी के खिलाफ दस हजार रूपये के जुर्माने के साथ ही कानूनी कार्यवाही भी की जायेगी। यही दंड पॉलीथीन खरीदने वालों और उसका प्रयोग करने वाले लोगों पर भी लागू होगा इसलिए सभी से अपील की है कि प्रतिबंधित पॉलीथीन का किसी भी रूप में प्रयोग नहीं किया जाये।
बैठक में पालिकाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने बताया कि चालीस माइक्रोन से कम मानक की पॉलीथीन और थर्माकोल की प्लास्टिक की सामग्री शहर की जल निकासी को प्रभावित कर रही है। नाले और नलियों में जल निकासी इस कारण ही रूकी रहती है और गंदगी का साम्राज्य स्थापित होता है। यह प्रतिबंध शहरवासियों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने नगरवासियों से इस कार्य में पूर्ण सहयोग और सहभागिता की अपील करते हुए कहा कि आठ दिसम्बर से सख्ती के साथ छापामार अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि छापामार अभियान के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में पालिका और प्रदूषण विभाग के लोग भी शामिल होंगे।
नगरपालिका परिषद सभागार में एडीएम प्रशासन मनोज सिंह और पालिका अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने नगरीय क्षेत्र में पॉलीथीन का कारोबार करने वाले थोक और रिटेल कारोबारियों तथा दुकानदारों के साथ मीटिंग ली और पालीथीन पर प्रतिबंध को लेकर किये गये निर्णयों से अवगत कराया। इस बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिला प्रदूषण अधिकारी आरके सिंह और अन्य लोग भी उपस्थित रहे। एडीएम मनोज सिंह ने बैठक के दौरान बताया कि जनपद में 40 माइक्रोन से कम मानक की पॉलीथीन के साथ ही थर्माकोल एवं प्लास्टिक के बने प्लेट, कप और गिलास आदि सामग्री की बिक्री और प्रयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन इसके बावजूद भी देखने में आ रहा है कि इनका कारोबार और प्रयोग लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि पॉलीथीन का कारोबार करने वाले लोगों को सात दिसम्बर तक का समय दिया जा रहा है। इस अवधि में वे अपना स्टॉक खत्म कर लें इसके बाद संयुक्त टीमों के द्वारा नगर में आठ दिसम्बर से छापामार अभियान शुरू किया जायेगा।
इस अभियान में दौरान यदि किसी दुकान पर प्रतिबंधित पॉलीथीन या सामग्री की बिक्री पाई गई तो सम्बन्धित व्यापारी के खिलाफ दस हजार रूपये के जुर्माने के साथ ही कानूनी कार्यवाही भी की जायेगी। यही दंड पॉलीथीन खरीदने वालों और उसका प्रयोग करने वाले लोगों पर भी लागू होगा इसलिए सभी से अपील की है कि प्रतिबंधित पॉलीथीन का किसी भी रूप में प्रयोग नहीं किया जाये।
बैठक में पालिकाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने बताया कि चालीस माइक्रोन से कम मानक की पॉलीथीन और थर्माकोल की प्लास्टिक की सामग्री शहर की जल निकासी को प्रभावित कर रही है। नाले और नलियों में जल निकासी इस कारण ही रूकी रहती है और गंदगी का साम्राज्य स्थापित होता है। यह प्रतिबंध शहरवासियों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने नगरवासियों से इस कार्य में पूर्ण सहयोग और सहभागिता की अपील करते हुए कहा कि आठ दिसम्बर से सख्ती के साथ छापामार अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि छापामार अभियान के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में पालिका और प्रदूषण विभाग के लोग भी शामिल होंगे।
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