नई दिल्ली (एसएनएन): पोंटी चड्ढा मर्डर केस में जांच का कोई नतीजा अब तक नहीं निकल सका है. गुत्थी सुलझने के बजाए उलझती जा रही है. हालांकि पुलिस हर उस एंगल में जा रही है जहां उसे नतीजा मिल सके. इसलिए हत्या की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश में पुलिस अब नए एंगल से जांच कर रही है. अब पुलिस पोंटी के ठिकानों पर इस साल की शुरुआत में पड़े छापों और नामधारी के बीच संबंध जोड़कर सुराग ढूंढने में लगी है.
संपत्ति नामधारी और पोंटी
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पुलिस को शक है कि पोंटी ने छापों से पहले सुखदेव सिंह नामधारी को 200 करोड़ रुपये दिए थे ताकि छापों के दौरान आयकर विभाग के हाथ कुछ भी न लगे. पुलिस को ये भी शक है कि जब पोंटी ने नामधारी से रकम वापस मांगी होगी तो नामधारी ने षडयंत्र रचकर पोंटी की हत्या कर दी होगी.
वहीं पोंटी चड्ढा ने नामधारी के नाम से उत्तराखंड में 50 करोड़ की संपत्ति भी खरीदी थी. हो सकता है कि नामधारी ने ही पोंटी को दिल्ली वाले फार्म हाउस पर कब्जे के लिए उकसाया हो ताकि पोंटी को बीच से हटाया जा सके.
वहीं देश के बाहर भी पोंटी चड्ढा ने जमीन खरीदी थी पुलिस ये भी खंगाल रही है कि कहीं इस संपत्ति में भी नामधारी का नाम तो नहीं है.
रिपोर्ट का इंतजार
वहीं पोंटी चड्ढा ने नामधारी के नाम से उत्तराखंड में 50 करोड़ की संपत्ति भी खरीदी थी. हो सकता है कि नामधारी ने ही पोंटी को दिल्ली वाले फार्म हाउस पर कब्जे के लिए उकसाया हो ताकि पोंटी को बीच से हटाया जा सके.
वहीं देश के बाहर भी पोंटी चड्ढा ने जमीन खरीदी थी पुलिस ये भी खंगाल रही है कि कहीं इस संपत्ति में भी नामधारी का नाम तो नहीं है.
रिपोर्ट का इंतजार
पोंटी चड्ढा को जो गोलियां लगीं क्या उनमें कोई गोली नामधारी की तो नहीं थी. इसलिए पुलिस को अब फॉरेंसिक और बैलिस्टिक रिपोर्ट का भी इंतजार है. पुलिस को ये भी शक है कि नामधारी ही पोंटी चड्ढा की अकूत संपत्ति के बारे में सारी जानकारी रखता
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