मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर होने वाला चुनाव भाजपा की अंर्तकलह की भेंट चढ़ गया जिसके चलते चुनाव अधिकारी ने इसका फैसला प्रदेश अध्यक्ष पर टाल दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया के पश्चात जिलाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना था लेकिन जिलाध्यक्ष पद के तीन दावेदारों उमेश मलिक, नगर पंचायत बुढ़ाना के चेयरमैन जितेंद्र त्यागी तथा सतपाल पाल के बीच किसी प्रकार की सहमति न बन पाने के कारण तथा पार्टी में बढ़ती अंर्तकलह के चलते जिलाध्यक्ष पद पर होने वाला चुनाव निरस्त करना पडा। भाजपा कार्यालय पर चुनाव अधिकारी व पूर्व सांसद मनोज सिन्हा ने चुनाव को निरस्त करते हुए यह मामला प्रदेशाध्यक्ष को सौंपे जाने की बात कही। चुनाव अधिकारी मनोज सिन्हा के अनुसार चुनााव के दौरान किसी प्रकार की सहमति एवं शांतिपूर्ण माहौल न बन पाने के कारण उन्होंने इस मामले को प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को सौंप दिया है अब प्रदेशाध्यक्ष ही इस संबंध में अपना निर्णय लेंगे।
वहीं दूसरी ओर जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी जता रहे कई भाजपा चुनाव निरस्त होने से निराश दिखे। चुनाव प्रक्रिया के दौरान भाजपा कार्यालय पर पूरे दिन गुटबाजी चलती रही।
वहीं दूसरी ओर जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी जता रहे कई भाजपा चुनाव निरस्त होने से निराश दिखे। चुनाव प्रक्रिया के दौरान भाजपा कार्यालय पर पूरे दिन गुटबाजी चलती रही।
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