नई दिल्ली (एसएनएन): मनमोहन कैबिनेट ने गुरुवार को चालाकी भरा कदम उठाया है, ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. कैबिनेट ने एक तरफ रसोई गैस, डीजल और केरोसिन तेल के दामों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है. वहीं, पेट्रोल की तरह डीजल के दाम तय करने का अधिकार भी तेल कंपनियों को दे दिया है. यानी, अब तेल कंपनियां ही डीजल का दाम तय करेंगी. हालांकि सरकार ने सस्ते सिलेंडरों की संख्या 6 से बढ़ाकर 9 कर राहत दी है.
पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोईली ने बताया कि गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी. कैबिनेट ने सस्ते रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या 6 से 9 कर दिया है. ये एक अप्रैल, 2013 से लागू होगी. वहीं 31 मार्च, 2013 तक सस्ते सिलेंडरों की संख्या 3 से बढ़ाकर 5 कर दिया गया है. यानी, आप मार्च तक तीन के बदले सस्ती दरों पर 5 सिलेंडर ले सकते हैं. कैबिनेट ने केरोसिन तेल के दामों में किसी तरह की बढ़ोतरी से इंकार किया है.
वहीं कैबिनेट ने एक अहम फैसला लिया, जिसमें ये तय किया गया है कि अब सरकार डीजल के दाम तय नहीं करेगी, बल्कि तेल कंपनियां ही डीजल के दाम तय करेंगी. मतलब साफ है, सरकार डीजल के दाम भी तेल कंपनियों के मत्थे मढ़कर अपना पीछा छुड़ाना चाहती है. अभी तेल कंपनियां प्रति लीटर डीजल पर लगभग 9 रुपये का घाटा वहन कर रही हैं.
सरकार ने तत्काल प्रभाव से ये निर्णय लागू कर दिया है. अब डीजल के दामों में बढ़ोतरी के लिए तेल कंपनियों ने सुगबुगाहट शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार रात से ही 3 रुपये प्रति लीटर डीजल के दाम बढ़ाए जा सकते हैं.
इस बीच खबर है कि सरकार ने सस्ते सिलेंडर की संख्या बढ़ाने की घोषणा से पहले चुनाव आयोग से अनुमति ले ली है, ताकि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो. फरवरी में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस वजह से आदर्श आचार संहिता लागू है.
इन्हें भी पढ़ें
sabhar shrinews.com
No comments:
Post a Comment