मुरैना: मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा से सटे मुरैना से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर बसे सराय छोला गांव में एक जाति और समूह विशेष के लोगों में बहुपति प्रथा का रिवाज सालों से चला आ रहा है. जहां पर परिवार के सभी भाई एक ही दुल्हन से ब्याह रचाते हैं.
शादी के बाद दुल्हन को बारी-बारी से सभी भाइयों के साथ रहना पड़ता है. ये रस्म यहां खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी में निभाई जाती है क्योंकि ऐसा लड़कियों की कमी के चलते हो रहा है. इस गांव में बसे एक जाति और धर्म विशेष के लोगों में लड़कियों की कमी के चलते ये नियम बनाया गया है. इसके तहत गांव के जिस भी घर में लड़कों की संख्या एक से ज्यादा है वे सभी मिलकर सिर्फ एक ही लड़की से शादी करेंगे.
इसके चलते गांव के लगभग सभी घरों में एक ही बहू है, जबकि उसके पतियों की संख्या एक से ज्यादा है. यदि परिवार का कोई भाई अकेले शादी कर दुल्हन लाता है तो उस पर उसके भाइयों का भी बराबर का हक होता है. इस गांव में रहने वाले एक व्यक्ति के मुताबिक उनके समाज में लड़कियों की कमी है. इसकी वजह से ऐसा हो रहा है. उसके मुताबिक पूरे गांव में गिने-चुने परिवार ही ऐसे हैं, जिनमें किसी लड़की का एक ही पति है. नहीं तो पिछले कुछ सालों में जिनती भी शादियां हुई हैं, उनमें हर लड़की के एक से ज्यादा पति हैं. कई लड़कियां तो ऐसी हैं जिनके आठ-आठ पति हैं, वो भी भाई-भाई.
sabhar shrinews.com
No comments:
Post a Comment