इलाहाबाद: यूपी के इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आस्था की पहली डुबकी सोमवार को लगाई जाएगी. मकर संक्रांति पर्व के साथ शाही स्नान के बीच महाकुंभ का आगाज भी सोमवार से होगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि पहले महाकुंभ में करीब एक करोड़, दस लाख लोग शामिल होंगे.
भीषण ठंड पर आस्था भारी
भीषण ठंड के बीच आस्था और विश्वास के प्रतीक महाकुंभ में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. कई श्रद्धालुओं ने शाही स्नान के लिए पहले से ही डेरा डाल रखा है. इस बार सात समुंदर पार से आए विदेशी श्रद्धालु भी महाकुंभ के आगाज में शामिल होंगे.
शाही स्नान के लिए साधु-संतों के अखाड़े तैयार
शाही स्नान के लिए विभिन्न अखाड़े तैयार हैं. शाही स्नान के तहत अखाड़ों ने जमकर तैयारी की है. ये अखाड़े अपने गुरुओं के संग शाही प्रदर्शन के साथ स्नान के लिए अपने-अपने अखाड़े से निकलेंगे. इस बीच मेला प्रशासन ने पहले शाही स्नान के इंतजाम को अंतिम रूप दे दिया है. इलाहाबाद के आयुक्त देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि पहले शाही स्नान के लिए सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि मेले की सुरक्षा के लिए बम निरोधक दस्ते, आतंकवाद निरोधक दस्ते और उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स को लगाया गया है. लापता लोगों की तलाश के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. पूरे मेला क्षेत्र में 80 क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए हैं.
ये हैं स्नान के पर्व
शाही स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति, 10 फरवरी मौनी अमावस्या तथा 15 फरवरी वसंत पंचमी के दिन होंगे. इसके अलावा पौष पूर्णिमा 27 जनवरी, माघ पूर्णिमा 25 फरवरी और 10 मार्च महाशिवरात्रि के दिन मुख्य स्नान पर्व हैं.
श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की व्यवस्था
श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए पीपा पुल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें तथा केन्द्रीय अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं. आने वाले श्रद्धालुओं के बीमार हो जाने पर इलाज के पर्याप्त इन्तजाम किए गए हैं. लोगों को सही दिशा और उनके शिविर तक ले जाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के तीन हजार जवानों को लगाया गया है. मेला क्षेत्र के 14 सेक्टर में स्नान के लिए बीस घाट बनाए गए हैं. अखाड़ों के स्नान के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. उनके लिए अलग से आने और जाने के मार्ग हैं. कल्पवासियों के लिए दस लाख टेंट लगाए गए हैं.
विदेशी मेहमानों के लिए रजिस्ट्रेशन कार्यालय
विदेशी मेहमानों के लिए रजिस्ट्रेशन कार्यालय
महाकुंभ में साठ लाख विदेशियों के आने की भी संभावना है. विदेशी मेहमानों के लिए विदेशी प्रवासी रजिस्ट्रेशन कार्यालय खोला गया है. आने वालों में कुछ प्रवासी भारतीय भी होंगे. विदेशी पर्यटकों के लिए ये कार्यालय चौबीस घंटे खुला रहेगा. मेला पुलिस के पास इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी रहेगी.
पहली बार आम लोग देख सकेंगे अकबर का किला
पहली बार आम लोग देख सकेंगे अकबर का किला
इस बीच सेना ने पहली बार गंगा तट पर बने अकबर के किले को आम लोगों के लिए खोल दिया है. अब तक यहां आम लोगों के जाने पर मनाही थी. कुंभ में ये पहली बार हुआ है कि अकबर का किला आम लोगों को देखने के लिए खुला है. श्रद्धालु किले में बने अक्षयवट को भी देख सकेंगे. इसके अलावा पाताल लोक तक भी उन्हें जाने की इजाजत होगी. पाताल लोक तक जाने के लिए अलग से रोशनी की व्यवस्था की गई है. सेना ने श्रद्धालुओं के लिए अथायी कैफैटेरिया भी बनवाया है जहां पौष्टिक और लजीज खाना मिल सकेगा.
कुंभ का इतिहास
कुंभ का इतिहास हालांकि हजारों साल पुराना है, लेकिन ये कब शुरू हुआ इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. ईसा पूर्व 629 से 645 तक भारत में रहे चीनी यात्री ह्वेन सांग ने अपने यात्रा वर्णन में प्रयाग में हर पांच साल बाद लोगों के जुटने तथा गंगा में स्नान करने का जिक्र किया है.
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