सचिन धीमान
नई दिल्ली (अलर्ट न्यूज)। रंगाराजन रिपोर्ट को लागू न होने देने के विरोध में केन्द्र सरकार को बेकफुट पा लाने के लिए देश के कोने-कोने से करीब 20 हजार किसान देर रात से ही दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंच चुका है। जंतर मंतर पर उपस्थित किसानों ने केन्द्र सरकार पर जमकर अपनी भडास निकाली। सुबह से ही किसान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले जंतर मंतर पर संसद घेराव के लिए एकत्रित हो गया। इस दौरान किसानों के साथ महिलाएं, युवा व बुर्जुगों ने बढचढकर भाग लिया। सभी में सरकार के विरूद्ध गुस्सा देखा जा रहा है। मुख्य अतिथि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह,
उल्लेखनीय है कि सडकों से कोर्ट तक हमेशा किसानों की लडाई लडने वाले किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह के तत्वाधान में आयोजित रंगाराजन रिपोर्ट लागू होने से रोकने एवं किसानों को बर्बाद होने से बचाने के लिए संसद घेराव का कार्यक्रम रखा गया था।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का मानना है कि किसान अपने पैरों पर खडा हो जाये। उसका कोई उत्पीडन न करें। जिस दिन किसान को किसी भी संगठन और यूनियन की आवश्यता नहीं रहेगी उसी दिन किसान खुशहाल होगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की माने तो चीनी मिल मालिकों ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर किसानों को बर्बाद करने की रंगाराजन रिपोर्ट तैयार कराकर लागू कराने में जुटे है जिससे उत्तर प्रदेश के किसान बर्बाद हो जायेंगे तथा सडकों पर आ जायेंगे। रंगाराजन रिपोर्ट के लागू होते ही चीनी मिले किसानों की गन्ने की फसलों को कम रेट पर खरीदें और किसान चाहकर भी अपनी गन्ना फसल का उचित रेट नहीं ले पायेगा।
वक्ताओं ने बताया कि रंगाराजन कमेटी गन्ना किसानों को बर्बाद करने के लिए और चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गयी है। इस समिति का गठन 20 जनवरी 2012 को किया गया जिसमें 5 अक्टूबर 2012 को कागजी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। इस समिति में किसानों का प्रतिनिधित्व शून्य रहा। इस रिपोर्ट के लागू होने के बाद चीनी मिले कोल्हू की तरह हो जायेंगी। जिन पर प्रदेश सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं रहेगा। चीनी के दामों में बेताहाश वृद्धि होगी। राज्य सरकार को गन्ना मूल्य निर्धारण करने का अधिकार समाप्त करा दिया जायेगा। किसान को केन्द्र द्वारा तय किया गया मूल्य मिलेगा जो इस वर्ष 170 रूपये प्रति कुन्तल है।
रंगाराजन कमेटी किसानों को बर्बाद करने के लिए बनायी गयी है। किसानों की भारी भीड को देखकर केन्द्र सरकार हिल गयी है। किसान जंतर मंतर अपने वक्ताओं को सुनने के लिए जुट गये है। बाद में किसान दो बजे के करीब जंतर मंतर से संसद का घेराव करने के लिए सरदार वीएम सिंह व पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह के नेतृत्व में हजारों की संख्या में कूच करेगा। जिसे लेकर सरकार में भूचाल का माहौल देखने केा मिल रहा है।
इस दौरान सभा का संचालन राष्ट्रीय मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान ने व अध्यक्षता भानु प्रताप सिंह अध्यक्ष भाकियू (भानू) ने की।
मंच पर सरदार वीएम सिंह, मेजर हिमांशु, अरिदमन चौहान (हरियाणा), विराज तोमर मुजफ्फरनगर सहित अन्यें लोग किसान नेता व किसान मौजूद, पूर्व विधायक वीरेन्द्र राणा, राजेन्द्र पाण्डे, उपेन्द्र सिंह, सवित मलिक, रामदुलारी, मेजर के एस राणा हिमाचल प्रदेश उपस्थित रहे।
नई दिल्ली (अलर्ट न्यूज)। रंगाराजन रिपोर्ट को लागू न होने देने के विरोध में केन्द्र सरकार को बेकफुट पा लाने के लिए देश के कोने-कोने से करीब 20 हजार किसान देर रात से ही दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंच चुका है। जंतर मंतर पर उपस्थित किसानों ने केन्द्र सरकार पर जमकर अपनी भडास निकाली। सुबह से ही किसान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले जंतर मंतर पर संसद घेराव के लिए एकत्रित हो गया। इस दौरान किसानों के साथ महिलाएं, युवा व बुर्जुगों ने बढचढकर भाग लिया। सभी में सरकार के विरूद्ध गुस्सा देखा जा रहा है। मुख्य अतिथि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह,
उल्लेखनीय है कि सडकों से कोर्ट तक हमेशा किसानों की लडाई लडने वाले किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह के तत्वाधान में आयोजित रंगाराजन रिपोर्ट लागू होने से रोकने एवं किसानों को बर्बाद होने से बचाने के लिए संसद घेराव का कार्यक्रम रखा गया था।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का मानना है कि किसान अपने पैरों पर खडा हो जाये। उसका कोई उत्पीडन न करें। जिस दिन किसान को किसी भी संगठन और यूनियन की आवश्यता नहीं रहेगी उसी दिन किसान खुशहाल होगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की माने तो चीनी मिल मालिकों ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर किसानों को बर्बाद करने की रंगाराजन रिपोर्ट तैयार कराकर लागू कराने में जुटे है जिससे उत्तर प्रदेश के किसान बर्बाद हो जायेंगे तथा सडकों पर आ जायेंगे। रंगाराजन रिपोर्ट के लागू होते ही चीनी मिले किसानों की गन्ने की फसलों को कम रेट पर खरीदें और किसान चाहकर भी अपनी गन्ना फसल का उचित रेट नहीं ले पायेगा।
वक्ताओं ने बताया कि रंगाराजन कमेटी गन्ना किसानों को बर्बाद करने के लिए और चीनी मिलों को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गयी है। इस समिति का गठन 20 जनवरी 2012 को किया गया जिसमें 5 अक्टूबर 2012 को कागजी औपचारिकताएं पूरी कर अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। इस समिति में किसानों का प्रतिनिधित्व शून्य रहा। इस रिपोर्ट के लागू होने के बाद चीनी मिले कोल्हू की तरह हो जायेंगी। जिन पर प्रदेश सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं रहेगा। चीनी के दामों में बेताहाश वृद्धि होगी। राज्य सरकार को गन्ना मूल्य निर्धारण करने का अधिकार समाप्त करा दिया जायेगा। किसान को केन्द्र द्वारा तय किया गया मूल्य मिलेगा जो इस वर्ष 170 रूपये प्रति कुन्तल है।
रंगाराजन कमेटी किसानों को बर्बाद करने के लिए बनायी गयी है। किसानों की भारी भीड को देखकर केन्द्र सरकार हिल गयी है। किसान जंतर मंतर अपने वक्ताओं को सुनने के लिए जुट गये है। बाद में किसान दो बजे के करीब जंतर मंतर से संसद का घेराव करने के लिए सरदार वीएम सिंह व पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह के नेतृत्व में हजारों की संख्या में कूच करेगा। जिसे लेकर सरकार में भूचाल का माहौल देखने केा मिल रहा है।
इस दौरान सभा का संचालन राष्ट्रीय मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान ने व अध्यक्षता भानु प्रताप सिंह अध्यक्ष भाकियू (भानू) ने की।
मंच पर सरदार वीएम सिंह, मेजर हिमांशु, अरिदमन चौहान (हरियाणा), विराज तोमर मुजफ्फरनगर सहित अन्यें लोग किसान नेता व किसान मौजूद, पूर्व विधायक वीरेन्द्र राणा, राजेन्द्र पाण्डे, उपेन्द्र सिंह, सवित मलिक, रामदुलारी, मेजर के एस राणा हिमाचल प्रदेश उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment