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Tuesday, July 31, 2012

मुजफ्फरनगर को बरसात ने बना दिया तालाब


दुकानों व घरों में भर गया बरसात का पानी

बारिस का 2-2 फुट पानी चढा मुजफ्फरनगर

मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। वर्षा ऋतु माह में एक साल बाद हुई आज सुबह हुई तेज मूसलाधार बारिश ने जहां लोगों का पिछले कई महीनों से पड रही उमस भरी गर्मी से राहत दिलाई वहीं करीब दो घंटे तक पडी तेज बारिश ने मुुजफ्फरनगर शहर को तालाब बनाकर रख दिया। मुजफ्फरनगर शहर में जगह-जगह जलभराव होने से राहगीरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई दुकानों व घरों में पानी घुस गया। आज सुबह जब लोग सोकर उठे तो उन्हें गर्मी निजात मिली, क्योंकि तेज बारिश ने मौसम को खुशगवार बना दिया। लोगों ने घरों से बारिश का मजा लिया। स्कूल बच्चों ने भी बिना पर्व व रविवार की छुट्टी के बिना आज रेन-डे का अवकाश मनाया और बारिश का मजा लिया।
सुबह हुई तेज मूसलाधार बारिश से नगर में करीब दो-दो फुट पानी सडकों पर दिखाई दिया। बारिश के कारण आम जनजीवन जहां का तहां रूक गया। नगर में हुआ बारिश के कारण जलभराव से सडकों किनारे की दुकानों के अंदर भी पानी पहुंच गया। नगर मंे चारो ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। बारसात रूकने के बाद शहर का नजारा एक बाढग्रस्त क्षेत्र में तब्दील हो चुका था। नगर में भरे भरसात के पानी को देखकर ऐसा लगने लगा था कि शहर में बाढ का पानी घुस गया है। नगर से निकलने के कोई रास्ता ऐसा नहीं था कि नगरवासी अपने घरों से बाहर निकलकर सके क्योंकि सडकों पर पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। चाहें वह नगर के हृदयगति स्थल शिवचौक हो या रेलवे स्टेशन से सामने का रास्ता या फिर रोडवेज स्टेशन से प्रकाश चौक भी तक नजर आ रही थी वहां वहां पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। इसके अलावा सब्जी मंडी, पान मंडी, खालापार सहित विभिन्न जगहों की सड़कें जलमग्न होकर तालाबों में तब्दील हो गयी थी। इस एक साल बाद हुई वर्षा ने श्रावण माह के अन्तिम सप्ताह के अन्तिम दिनों में पालिका के नाला सफाई अभियान की भी पोल खुल गई। नालों का कचरा सड़क पर आ जाने से राहगीरों को निकलने में खासी मुसीबत का सामना करना पड़ा।  उधर बारिश ने पान मंडी बाजार की हालत बिगाड दी है। बाजार में जगह-जगह जलभराव व कीचड हो गया है। जल भराव की स्थिति पैदा होती है। आज हुई बारिश से लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। आज सुबह आसमान पर उमड़ते घुमड़ते काले बादल ठहर से गए और फिर शुरु हुआ झमाझम बारिश का दौर। करीब दो घंटे तक चली तेज मूसलाधार बारिश ने लोगों को जहां तन को झूलसा देने वाली गर्मी से राहत दिलाई तो वहीं तेज बारिश ने लोगों का जनजीवन भी प्रभावित कर दिया। सडकों पर दौड रहे वाहन भी तेज बारिश के कारण जहां के तन्हा रूक गये। सुबह के समय होने वाली तेज बारिश के चलते लोग घरों में ही कैद होकर रह गए। सबसे अधिक परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं को आयी क्योंकि स्कूल बच्चे आज तेज बारिश के कारण स्कूल नहीं जा पाये और बिना किसी पर्व या रविवार के आज स्कूल बच्चों को रेन-डे का अवकाश मिल गया। नन्हें-मुन्ने बच्चों ने भी बरसात में बारिश के पानी में नहाकर जमकर मश्ती काटी। बारिश होने के बाद मौसम में कुछ बदलाव आया है, जिससे लोग घरों से बाहर निकले। उधर शिवचौक, गांधी कालोनी, पान मंडी, आलू मंडी, अंसारी रोड, पुरानी घास मंडी, ब्रह्मपुरी, साकेत कालोनी, भोपा रोड, नई मंडी, बचन सिंह कालोनी आदर्श कालोनी, मदीना कालोनी, हाजीपुरा, में जहां पानी भर गया वहीं सरवट फाटक से  लगा इलाका जलाशय में तब्दील हो गया है। शिवचौक पर बारिश से सड़क पर जलभराव हो गया है। वहीं दूसरी ओर स्टेशन के सामने स्थित चाय की दुकानों व प्रकाश चौक पर स्थित दुकानों में बरसात का पानी भर गया जहां पर दुकानदारों को अपनी दुकानों से पानी निकालते देख गया। बामुश्किल दुकानदारों ने अपनी दुकानो से पानी बाहर निकाला। दुकानों में पानी भरने के कारण दुकानदारों को भारी नुकसान भी उठाना पडा। इससे राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। तेज बारिश ने नगर में जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। कई इलाकों में मकानों से निकलने वाले गंदे पानी के बहने की कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि अन्य दिनों में तो यह समस्या मकान मालिकों तक ही सीमित रह जाती है। परंतु बरसात के दिनों में यह समस्या आम राहगीरों के लिए भी मुसीबत बन जाती है। सड़क के दोनों तरफ भवन बन जाने से बारिश के दौरान सड़क पर जमा होने वाले पानी के निकलने की कोई जगह नहीं रह गई है। मानसून की पहली बारिश ने पालिका प्रशासन के जलनिकासी को लेकर किए गए सारे दावों की पोल खोलकर रख दी। नाले व नालियों की उचित साफ सफाई न होने से नालियों का गंदा पानी जगह-जगह सड़क के किनारे सडकों पर बहता दिखाई दिया। इसके अलावा कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति पूरे दिन रही। इससे सबसे अधिक समस्या राहगीरों को उठानी पड़ी। दुपहियां वाहनों चालक नगर में भरे बरसात के पानी में गिरते देखे गये। बरसात के पाने से गुजरने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडा। सडकों पर पानी भर जाने के कारण नगर की नालियों का पता नहीं चल पा रहा था। अधिकांश लोग नालियों में भी गिरते देखे गये। कुछ लोगों को सडकों पर भरे पाने के कारण चोटों भी लगी। वहीं दूसरी ओर सुबह हुइ तेज मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में भी पानी भर गये। जिससे किसानों के मुरझाये हुए चेेहरों पर खुशियों की लहर दौड पडी। बारिश के बाद खेतों में चारों ओर हरियाली दिखाई देने लगी है। धान की फलस लगाने के किसानों के लिए यह बारिश वारदान साबित होगी। वहीं अधिकांश नागरिकों का कहना कि बरसात शुरू होने से पहले ही यदि नाले व नालियों की साफ-सफाई करा दी गई होती, तो आज यह नौबत न आती।

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