नई दिल्ली. बिहार की सत्ता पर काबिज जेडी(यू) आज दिल्ली में ताकत दिखा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के पिछड़ेपन की बात जोरदार ढंग से रखते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की। दरअसल नीतीश ने बिहार के बहाने सभी पिछड़े राज्यों के विकास की बात करते हुए दिल्ली की सत्ता के लिए भी हुंकार भर दी। नीतीश ने कहा कि अगर दिल्ली में मौजूद सभी पिछड़े इलाकों के लोग जुट जाएं तो दिल्ली इन्हीं पिछड़े लोगों की होगी। उन्होंने बिहार के लोगों को सभी पिछड़े इलाके के लोगों को गोलबंद करने को कहा। नीतीश ने कहा कि यह केवल बिहार की नहीं सभी पिछड़े राज्यों की लड़ाई है। सभी धर्म, वर्ग, जाति, क्षेत्र के लोगों की लड़ाई है, विकास सबका होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार मॉडल ही देश का असली मॉडल है जहां भारत और इंडिया में फर्क नहीं है। इससे पहले शरद यादव ने रैली को संबोधित करते हुए नारे लगवाए- 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना पड़ेगा। जय बिहार, जय हिंदुस्तान।' यादव ने कहा कि बिहार के विकास से ही देश का विकास होगा।
उन्होंने रामलीला मैदान में अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'पहली बार बिहार के लोगों ने दिल्ली में अपनी ताकत दिखाई है। ऐसा क्यों है कि बिहार के लोगों को दिल्ली में आकर रहना पड़ा? सदियों पहले बिहार से ही प्रशासन चलता था। दुनिया का महानतम विश्वविद्यालय वहां था? ऐसा क्यों हुआ कि लाखों की संख्या में बिहार के लोगों को अपने गांव, कस्बे और शहर को छोड़कर दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में जाना पड़ता है? बिहार का इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान है। लेकिन आजादी के बाद हम पिछड़ते चले गए। आज इतने पीछे हो गए हैं कि हमारी प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से बहुत नीचे है। हमारी उपेक्षा हुई है।'
नीतीश ने कहा कि दिल्ली की तंग बस्तियों में भी बिहारी मुश्किलों में रह रहे हैं। लेकिन आप लोग हक के लिए ऐसे ही जुटते रहें। तभी दिल्ली में बैठे लोग इस ताकत को पहचान सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार इतना उत्पादन कर सकता है कि देश मे एक आदमी भी भूखा नहीं सोएगा। अगर केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा तो बिहार भी विकसित राज्य की सूची में शामिल होगा। लेकिन केंद्र कहता है बिहार विशेष राज्य के लिए मापदंडों की सूची पर खरा नहीं उतरता है। तकनीकी आधार पर हमारी मांग को खारिज किया जाता रहा है। भले ही बिहार पर्वतीय राज्य नहीं हैं लेकिन यहां आबादी का घनत्व सबसे ज्यादा है। पिछड़े राज्य के अधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले। इससे राज्य का विकास होगा। ये भीख नहीं हमारा अधिकार है। हमारी लंबे समय से मांग है कि विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए मापदंडों में बदलाव हो, विकास के लिए नई रणनीति बने।
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित अधिकार रैली में हिस्सा ले रहे थे, तभी एक शख्स ने नीतीश को काला झंडा दिखा दिया। इसके बाद जेडीयू समर्थकों ने काला झंडा दिखाने वाले शख्स को पीट दिया। इसके बाद पुलिस ने उस शख्स को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की।
इस रैली में करीब 40 हजार नीतीश समर्थक जुटे। कई लोग इसे नीतीश कुमार के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन जेडीयू के नेता ऐसा नहीं मानते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि यह रैली बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करने के लिए बुलाई गई है। उन्होंने इस रैली को शक्ति प्रदर्शन मानने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नीतीश लंबे समय से केंद्र सरकार के समक्ष उठाते रहे हैं। यह मांग सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी जोर पकड़ रही है। फेसबुक, ट्विटर और यू ट्यूब पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके जरिए युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है। जदयू द्वारा ‘बिहार का हक’ नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है। विभिन्न सोशल साइट्स पर इसके पेज को पांच लाख से अधिक लोगों ने हिट किया है। लेकिन केंद्र सरकार नियमों को हवाला देकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से हाथ खड़े कर चुकी है।
दूसरी तरफ, जेडी (यू) ने अगला आम चुनाव अकेले लड़ने के पुख्ता संकेत दे दिए हैं। जेडीयू ने कहा है कि अगर परिस्थिति की मांग रही और उनके बीजेपी से रिश्ते टूटे तो पार्टी अगला आम चुनाव अकेले लड़ने के लिए तैयार है। दिल्ली में रविवार को हो रही रैली की पूर्व संध्या पर पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा कि जेडीयू चाहती थी कि गठबंधन बना रहे। लेकिन इसके साथ ही पार्टी सभी सीटों पर अकेले भी चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार थी। तिवारी ने कहा, 'कोई भी पार्टी अगर यह कहती है कि वह सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है तो वह मूर्ख पार्टी है जिसे खुद पर और अपने सांगठनिक ढांचे पर यकीन नहीं है।'
गौरतलब है कि हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर ने कहा था कि बीजेपी बिहार की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बीजेपी के इस रुख पर तिवारी ने कहा, 'हां, हाल ही में हमने भी बीजेपी नेताओं को यह कहते हुए सुना है कि वे बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दल को अपना आधार बढ़ाने का हक है और हम उससे दिक्कत नहीं है। हम भी सभी सीटों पर अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।'
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