मुजफ्फरनगर (अलर्ट न्यूज)। आल इंडिया मुत्तेहिदा महाज के सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष हाफिज मौहम्मद आफताब ने कहा कि महाज कई वषोड से मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत है। इतिहास गवाह है कि देष की आजादी के लिए मुसलमानों ने अन्य समुदायों के साथ मिलकर कुर्बानी दी है। केन्द्र व राज्य सरकारों ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट व रंगनाथ मिश्रा कमीषन की सिफारिषों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। देष के बीस प्रतिषत मुसलमानों को केवल दो प्रतिषत के अंदर नौकरी और तिजारत में हिस्सा देने को अन्याय व अत्याचार ही कहा जायेगा जो इस देष में मुसलमानों के साथ आजादी के बाद से हो रहा है। इसके विपरीत कैबिनेट ने एससी एसटी को आरक्षण के तहत सरकारी नौकरियों के साथ ही प्रमोषन में रिजर्वेषन के लिए संविधान संषोधन विधेयक को मंजूरी दी है जो कि सरकारी की मुसलमानों के साथ नाइंसाफी है। महबूब आलम ने कहा कि आजादी के बाद से देष के प्रति एक वर्ग , जाति और धर्म के लोगों को आजादी का प्रतिफल मिला लेकिन किसी वर्ग या धर्म के लोगों को इसका ज्यादा स्वाद चखने को नहीं मिला तो वह मुसलमान है। उन्होंने कहा कि देष में मुसलमानों का सामाजिक, आर्थिक व षैक्षिक स्तर दलितों से भी बदतर हो गया है। मौलाना मुजम्मिल अली, शौकत अली खां ने मुख्यमंत्री अखिलेष यादव से मुस्लिमों को आरक्षण देने का वायदा पूरा करने की अपील की। इस सम्बन्ध में मुत्तहिदा महाज के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट इन्द्रमणि त्रिपाठी को सौंपा। सम्मेलन में मौलाना सईद काजमी, जुबेर, कारी हननान, राव अब्दुल सत्तार, मौलाना अब्बास, कासिम, कल्लू प्रधान, हाजी कमरूल इस्लाम, डा. जमालुद्दीन, राषिद अंसारी, फिरोज खां, असद जमां, फैसल आदि मौजूद रहे।
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