Pages

Sunday, September 9, 2012

मनमोहन की नीतियों से भ्रष्टाचार हुआ: माकपा

New Delhi.
मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कोयला ब्लाक आवंटन की जांच तथा निजी कंपनियों को आवंटन रद्द करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर ऐसी नीतियां बनाने का आज आरोप लगाया जिसके फलस्वरूप उच्च स्तर के भ्रष्टाचार हुए। माकपा पोलित ब्यूरो ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री उन नीतियां एवं फैसलों को लेकर कठघरे में हैं जिसकी वजह से कोयला ब्लाक आवंटन में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ।’’ पार्टी ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की जिसके दायरे में कोयला ब्लाक के आवंटन में प्रधानमंत्री कार्यायल की भूमिका आए। उसने कहा, ‘‘गड़बडी और सरकारी खजाने को घाटा पहुंचाने के लिए जो भी जिम्मेदार पाए जाएं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसी बीच, निजी कंपनियों को कोयला ब्लाक आवंटन जो अनियिमत तरीके से किए गए और जहां शर्तों और नियमों का उल्लंघन किया गया, रद्द किए जाएं।’’ पार्टी ने कहा कि कैग ने जिस अवधि की जांच की है, उसमें से ज्यादातर समय कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास ही था।
माकपा ने कहा, ‘‘उनकी निगरानी में, प्रधानमंत्री कार्यायल ने यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया कि कुछ खास निजी पक्षों को कोयला ब्लाक आवंटन हो, तथा आवंटित कोयला ब्लाकों पर अनुचित फायदा पहुंचे।’’ कोयला क्षेत्र के निजीकरण का विरोध करते हुए माकपा ने कहा कि निजी क्षेत्र के बिजली और इस्पात संयंत्रों के लिए कोयला का आवंटन नोडल एजेंसी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के मार्फत से किया जाए तथा ऐसी उद्यमों को आंवटित कोयला ब्लाक का खनन सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियां करें। उसने कहा, ‘‘राज्यों में, राज्य के खनन निगमों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है। कोयला संपन्न राज्यों के अधिकारों की सुरक्षा की जाए तथा पूरे देश के लिए कोयला का उत्पादन एवं उसका आवंटन योजनाबद्ध तरीके से किया जाए।’’
अपनी दो दिवसीय बैठक का आज समापन करते हुए माकपा पोलित ब्यूरो ने ‘रिलायंस पावर कंपनी’ को बोली के बाद दी गयी कथित रियायत संबंधी कैग निष्कर्षों की जांच की मांग की। ऐसा आरोप है कि इस कंपनी को उसके आवंटित कोयला ब्लाक से अतिरिक्त कोयले का इस्तेमाल करने की छूट दी गयी।
sabhar prabhasakshi.com

No comments:

Post a Comment