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Wednesday, September 12, 2012

जाट ने चमार बनकर करायी जमीन की रजिस्ट्री

भीलवाडा। देशभर के स्वर्ण जाति के लोग अब दलितों की जमीन छिन्ने में लगे हुए है। भीलवाडा जिले की हुरड तहसील के परडोदास गांव के एक दलित व्यक्ति की जमीन को एक जाट ने चमार बनकर अपने नाम करा ली है। महीपाल व गोपाल ने घीसाराम की जमीन को गिरवी रखने का स्टाम्प लिखवाने की बजाए विक्रय करने का स्टाम्प लिखवाया और अनपढ घीसा व उसके परिवारजनों के हस्ताक्षर करा लिये। वर्तमान में उक्त जमीन पर महीपाल व गोपाल ने कब्जा कर रखा है और खेती कर रहे है। जबकि दलित घीसाराम पिछले एक साल से सभी प्रशासनिक अधिकारियों के दरवाजे खटखटाता रहा। उसने सत्तापक्ष व विपक्षी के जनप्रतिनिधियों से भी मदद मांगी लेकिन फिलहाल उसे कोई राहत नहीं मिली। कांग्रेस के उप जिलाप्रमुख गजमल जाट पर आरोप लगाते हुए घीसाराम का कहना है कि उपजिला प्रमुख गजमल जाट उसकी जमीन हडपने वालों की मदद कर रहा है।
जानकारी के अनुसार परडोदास गांव के घीसा बलई व उसके परिजनों के नाम 12 बीघा 30 बिस्सा जमीन थी।  उक्त लोगों को सन् 1998 में सभी को तीस हजार रूपये की जरूरत पडी जिस पर इन्होंने अपनी जमीन में से पांच बीघा जमीन को गिरवी रखकर रूपये उठाने का निर्णय लिया। जमीन गिरवी रखने के लिए इन्होंने अपने ही गांव के रामलाल बलाई से कहा। रामलाल ने परडोदास निवासी महीपाल जाट उसे इनको मिलवायां। महीपाल जाट व रामलाल बलाई ने योजनाबद्ध तरीके से विजयपुर निवासी गोपाल जाट को घीसाराम के पास भेजा। गोपाल जाट ने अपने आपको घीसाराम को चमार बताया और घीसाराम की पांच बीघा जमीन गिरवी रखने के लिए तैयार हो गया तथा घीसाराम की पांच बीघा जमीन को 30 हजार रूपये में गिरवी रख लिया।
सन् 2011 में घीसाराम अपने सभी सहखातेदारों की राय से गिरवी पडी जमीन को छुडाने के लिए गया। उसने रामलाल को कहा कि वह उसके साथ चलकर उसकी गिरवी पडी पांच बीघा जमीन को छुडवावे। रामलाल अपने कई दिनों तक घीसाराम को टालता रहा। रामलाल टालता रहा तो घीसाराम को शंका हुई। उसने जमीन की नकल निकलवाकर देखा तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गयी। उसकी जमीन बेनडा तहसील के विजयपुर निवासी गोपाल चमार के नाम सारी जमीन दर्ज हो चुकी थी। उसने सारी बाते अपने सहखातेदारों धोखाधडी हो जाने की बतायी। उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री निकलवायी जिसमें उनकी जमीन विजयपुर निवासी गोपाल पिता भगीरथ चमार के नाम थी। घीसाराम का कहना है कि महीपाल जाट ने उनसे धोखाधडी करके गिरवी रखने के स्टाम्पों पर अपने मामा के बेटे गोपाल जाट को गोपाल चमार बताकर हस्ताक्षर कराये जाने की बात कहकर उसकी जमीन को विक्रय पत्र पर लिखवाकर उसके हस्ताक्षर कर लिये है।
तब जाकर घीसाराम ने महीपाल जाट व गोपाल चमार व गोपाल जाट के खिलाफ एफआईआर गुलाबपुरा थाने में दर्ज करायी। परंतु राजनैतिक दबाव के चलते कुछ कार्यवाही नहीं हुई। इस सम्बंध मे ंउन्होनंे पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिरीक्षक को एक ज्ञापन भी दिया। बाद में घीसाराम ने न्यायालय की शरण ली। जिस पर गोपाल जाट के खिलाफ मुदकमा दर्ज कराया।
साभार मीडिया दरबार

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