गया। बाल ठाकरे का परिवार मूल रूप से बिहार का है या नहीं, इसकी खोज राज्य के गया शहर में शुरू हो गई है। यहां गयावाल पंडा ठाकरे परिवार की वंशावली व इतिहास खंगालने में जुट गए हैं। उनका मानना है कि वंशावली से ही ठाकरे परिवार के पुराने रिश्ते-नाते का पता चल पाएगा।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था कि बाल ठाकरे का परिवार मूल रूप से बिहार का है। उन्होंने ठाकरे के पिता की किताब का हवाला देते हुए कहा था कि राज ठाकरे के पूर्वज बिहार से ही गए थे। ठाकरे परिवार मगध से मध्य प्रदेश (धार) और वहां से मुंबई गया था। हालांकि उद्धव ठाकरे ने इस बयान के लिए दिग्विजय सिंह को पागल तक करार दिया और कहा कि जिस किताब का जिक्र दिग्विजय कर रहे हैं, वह ठाकरे परिवार के बारे में नहीं है। उनके मुताबिक किताब उस समय के समाज को लेकर है।
इस बहस में अब गया के पंडे कूद गए हैं। देश भर के लोग पुरखों की आत्मा की शांति के मकसद से पिंडदान करने के लिए गया पहुंचते हैं। यहां के पंडे पिंडदान करने वालों की पूरी वंशावली रखते हैं। इसी के आधार पर गयावाल पंडा ने ठाकरे परिवार के जड़ की खोज शुरू की है। हालांकि उन्होंने यह 'खोज' किसके कहने पर शुरू की है, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
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