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Tuesday, September 11, 2012

घमासान: प्राइवेट पार्ट्स क्‍लीन शेव रखने का क्रांति से क्‍या वास्‍ता?

घमासान: प्राइवेट पार्ट्स क्‍लीन शेव रखने का क्रांति से क्‍या वास्‍ता?
रांची. शोषितों, वंचितों की लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले नक्‍सलियों में आजकल अंदरूनी घमासान मचा है। हाल में पार्टी से निकाले गए माओवादी कमांडर सब्‍यसाची पांडा ने काफी बगावती तेवर दिखाए थे। वह अब बिल्‍कुल अकेला है। ओडिशा में नक्‍सल आंदोलन के 'पोस्‍टर ब्‍वॉय' के तौर पर मशहूर 43 साल का पांडा अब खुद को 'ओल्‍ड डॉग' की तरह मानता है जिसका उसकी पार्टी नामोनिशान मिटा देनी चाहती है। ओडिशा का सबसे अहम नक्सली नेता माने जाने वाले पांडा को 'चे ग्वेरा'
कहलाता था।
पांडा ने एक खत लिख कर कई सवाल उठाए थे। उसने नक्‍सलियों के प्राइवेट पार्ट्स 'क्‍लीन शेव' करने के चलन पर जोर देने की परंपरा को भी गलत ठहराया है। उसका कहना है कि यह तेलुगु कैडरों में आम बात है और महिला काडरों को अक्‍सर ऐसा करने की सलाह दी जाती है। उसने लिखा है, 'महिला काडरों को बिना कपड़े के स्‍नान करने को भी कहा जाता है। मुझे समझ नहीं आता कि क्रांति का ऐसे बकवास सिद्धांतों से क्‍या ताल्‍लुक है?'
sabhar dainikbhaskar.com

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