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Wednesday, September 12, 2012

15 सितंबर को चमक जाएगी आपकी किस्मत, राशि अनुसार करें उपाय

15 सितंबर को चमक जाएगी आपकी किस्मत, राशि अनुसार करें उपाय
ज्योतिष के अनुसार इस शनिवार (15 सितंबर 2012) को अमावस्या आ रही है। इस दिन शनि संबंधी उपाय करने पर कुंडली के शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं। जो व्यक्ति इस दिन राशि अनुसार शनि को प्रसन्न करता है उसकी सभी परेशानियां दूर होती हैं। यहां दिए राशियों के फोटो पर क्लिक करें और जानिए आपके लिए खास उपाय
मेष राशि - शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो बाजरा मिट्टी के पात्र में भरकर उसके ऊपर चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्ïपश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर शास्त्रोक्त शनि मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनेय नम: मंत्र की पांच माला जाप करें। तत्ïपश्चात यह बाजरा 60 साल से ज्यादा उम्र के वृद्घ व्यक्ति को दान में दे दें। उसके बाद श्रद्धानुसार गर्म कंबल गरीब व जरूरतमंद लोगों को बांटें।
वृष राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो अरहर की दाल मिट्टी के पात्र में भरकर उसके ऊपर चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर दशरथकृत शनि स्तोत्र का सात पाठ करें। तत्पश्चात यह अरहर की दाल 9 साल की कम उम्र की कन्या को दान में दे दें। शनि अमावस्या के दिन ही बड़ एवं पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाएं। जल में कच्चा दूध मिलाएं और वृक्षों को अर्पित करें। फिर उस मिट्टी से तिलक करें।

मिथुन राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो साबूत मूंग हरे कपड़े में बांधकर शुद्घ पात्र में रखकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। उसके ऊपर चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर ऊँ नमो भगवते शनैश्चराय सूर्यपुत्राय नम:। मंत्र की 11 माला जाप करें। तत्पश्चात यह साबूत मूंग 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले किन्नर को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। और चरण स्पर्श करें। उसके बाद शनि अमावस्या के दिन ही श्रद्घानुसार या वजन के बराबर बाजरा गौशाला में दान देने से कैरियर, कारोबार, परिवार और स्वास्थ्य संबंधी संपूर्ण परेशानियों का निवारण होता है।
कर्क राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो अखंडित चावल किसी मिट्टी के पात्र में भरकर सवा मीटर स्वच्छ सफेद कपड़े पर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। उसके ऊपर चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर मंगलकारी शनि मंत्र की ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामात्र्ताण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। मंत्र की 5 माला जाप करें। तत्पश्चात यह अखंडित चावल वस्त्र सहित किसी कुष्ठï रोगी को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। और चरण स्पर्श करें। उसके बाद शनि अमावस्या के दिन ही गौशाला में देसी चने श्रद्घानुसार दान करना लाभकारी रहेगा।
 सिंह राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो गेहूं किसी मिट्टी के पात्र में भरकर सवा मीटर स्वच्छ लाल कपड़े के ऊपर रखकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। उसके ऊपर चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस मंत्र- सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु मे शनि:।। मंत्र की 5 माला जाप करें। तत्पश्चात यह गेहूं वस्त्र सहित किसी कुष्ठï रोगी को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। और चरण स्पर्श करें। शनि अमावस्या के दिन ही गौशाला में श्रद्घानुसार सरसों की खली का दान दें।
कन्या राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो मशरुम मिट्टी के बर्तन में भरकर सवा मीटर स्वच्छ हरा कपड़े के ऊपर रखकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस ऊँ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम:। मंत्र की 7 माला जाप करें। तत्पश्चात यह मशरुम, पात्र और वस्त्र सहित किसी किन्नर को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। और चरण स्पर्श करें। शनि अमावस्या के दिन ही केला मीठी खील, गुड़ व देसी चने गरीब व मजदूर लोगों को बांटे तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
तुला राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो जौ किसी कांसे के पात्र में भरकर सवा मीटर स्वच्छ सफेद कपड़े के ऊपर रखकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। उसके ऊपर चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस ऊँ शं शनैश्चराय नम:। मंत्र की 7 माला जाप करें। तत्पश्चात यह जौ, पात्र और वस्त्र सहित किसी विधवा स्त्री को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। और चरण स्पर्श करें। उसके बाद शनि अमावस्या के दिन ही श्रद्धानुसार या वजन के बराबर सतानाजा मंदिर में दान दें।
वृश्चिक राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा किलो साबूत मसूर किसी तांबे के पात्र में भरकर सवा मीटर स्वच्छ लाल कपड़े के ऊपर रखकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नम: ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया। कंटकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा ऊँ शं शनैश्चराय नम:।। मंत्र की 5 माला जाप करें। तत्पश्चात यह साबूत मसूर, पात्र और वस्त्र सहित किसी सफाई कर्मचारी को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। और चरण स्पर्श करें। उसके बाद शनि अमावस्या के दिन ही शाम को 5:00 से 6:00 बजे के बीच में सवा किलो त्रिचोली (गेहूं का आटा, चावल का आटा और बूरा बराबर मात्रा में मिलाएं) चींटियों को डालें।
 धनु राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा 5 किलो चने की दाल सवा पांच मीटर स्वच्छ पीले कपड़े में बांधकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस ऊं शं वज्रदेहाय नम: मंत्र की 5 माला जाप करें। तत्ïपश्चात यह चने की दाल किसी भी पिंगल खाने में श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान दे दें। शनि अमावस्या के दिन ही श्रद्घानुसार या वजन के बराबर मक्का किसी मंदिर में दान करें।
मकर राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा 5 किलो देसी चना सवा पांच मीटर स्वच्छ नीले कपड़े में बांधकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस मंत्र- ऊँ शं सर्वारिष्ट विनाशने। मंत्र की 11 माला जाप करें। तत्ïपश्चात यह देसी चना वस्त्र सहित किसी सदाचारी ब्राह्मण को श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान में दे दें। शनि अमावस्या के दिन ही गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए भंडारे की व्यवस्था करें।
कुंभ राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर सवा 5 किलो साबुत उड़द सवा पांच मीटर स्वच्छ काले कपड़े में बांधकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस शनि गायत्री की ऊँ भगभवाये विद्ïमहे मृत्युरुपाय धीमही तन्नो शनि प्रचोदयात्ï॥ मंत्र की 11 माला जाप करें। तत्पश्चात यह साबुत उड़द वस्त्र सहित किसी गौशाला या मंदिर में दान में दे दें। उसके बाद शनि अमावस्या के दिन ही सात सूखे नारियल और 700 ग्राम बादाम श्रद्धानुसार किसी मंदिर में दान करें।
मीन राशि- शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यक्रम से निवृत्त होकर किसी लोहे के पात्र में सवा 8 किलो सरसों का तेल भरकर सवा मीटर स्वच्छ पीले कपड़े के ऊपर रखकर अपने पूजा स्थान में रखें। श्रद्घापूर्वक श्रीशनिदेव का ध्यान करते हुए पंचोपचार पूजन करें। चौमुखा सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें। तत्पश्चात शुद्घ आसन पर बैठकर इस ऊं ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम: मंत्र की 5 माला जाप करें। तत्पश्चात यह तेल किसी मंदिर में श्रद्घानुसार दक्षिणा सहित दान करें। उसके बाद शनि अमावस्या के दिन ही श्रद्घानुसार या वजन के बराबर साबूत हल्दी गरीबों में बांट दें।

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